भारत और श्रीलंका के बीच में इस समय 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है, जिसका पहला मैच मोहाली के पीसीए स्टेडियम में चल रहा है। खेल के दूसरे दिन की शुरुआत में दोनों ही टीमों ने काली पट्टी बांधकर खेलने का फैसला किया जिसमें उन्होंने 4 मार्च को 52 साल की उम्र में हार्ट अटैक के चलते मृत घोषित किए जाने वाले दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वार्न के सम्मान में ऐसा करने का फैसला लिया।
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पूर्व दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वार्न थाईलैंड में अपने विला पर दिल का दौरा पड़ने की वजह से मृत पाए गए थे। जिसके बाद यह खबर जैसे ही सामने आई पूरे क्रिकेट जगत में जहां एक तरफ सभी अचंभित दिखाई पड़े वहीं शोक की लहर भी देखने को मिली। भारत और श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने शेन वार्न और रॉड मार्श के निधन पर दूसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले 1 मिनट का मौन रखते हुए उन्हें श्रृद्धांजलि भी दी।
शेन वार्न की गिनती वर्ल्ड क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में की जाती है, जिन्होंने अपने दम पर टीम को कई बार जीत दिलाने में एक अहम भूमिका अदा की है। साल 1999 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलियाई टीम को विजेता बनाने में शेन वार्न की अहम भूमिका रही थी। जिसमें सेमी-फाइनल और फाइनल दोनों ही मुकाबलों में शेन वार्न ने प्लेयर ऑफ दी मैच का खिताब जीता था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले ट्वीट करते हुए लिखा कि, हम कल गुजरने वाले रॉड मार्श और शेन वार्न के निधन पर 1 मिनट का मौन रखते हुए उन्हें श्रृद्धांजलि दे रहे हैं, साथ भारतीय टीम आज काली पट्टी बांधकर मैदान में खेलेगी।
A minute’s silence was observed before the start of play on Day 2 of the first Test for Rodney Marsh and Shane Warne who passed away yesterday. The Indian Cricket Team will also be wearing black armbands today.@Paytm#INDvSLpic.twitter.com/VnUzuqwArC
रॉड मार्श और शेन वार्न की गिनती ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ियों में की जाती है जिसमें इन दोनों ने अपने-अपने समय पर विश्व क्रिकेट में एक अलग दबदबा बनाया है। जहां मार्श की गिनती बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर की जाती थी। वहीं शेन वार्न ने अपने लेग स्पिन से पूरे विश्व क्रिकेट में अलग ही परचम लहराया।
वार्न ने जिस समय टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था उस समय उनके नाम पर 708 विकेट दर्ज थे और वह इस मामले में श्रीलंकाई ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के 800 टेस्ट विकेट से ही पीछे थे। वार्न की स्पिन गेंदबाजी का जादू इंडियन प्रीमियर लीग के शुरुआती कुछ सीजन में भी देखने को मिला था, जिसमें उन्होंने पहले सीजन में बतौर कप्तान राजस्थान रॉयल्स को विजेता बनाया था।