क्या इंग्लैंड के खिलाफ चहल को मौका नहीं देने का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा? निखिल चोपड़ा ने उठाए टीम इंडिया की रणनीति पर सवाल - क्रिकट्रैकर हिंदी

क्या इंग्लैंड के खिलाफ चहल को मौका नहीं देने का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा? निखिल चोपड़ा ने उठाए टीम इंडिया की रणनीति पर सवाल

भारतीय क्रिकेट टीम को एडिलेड में इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट की करारी हार झेलनी पड़ी।

Nikhil Chopra and Yuzvendra Chahal (Image Source: Twitter/BCCI)
Nikhil Chopra and Yuzvendra Chahal (Image Source: Twitter/BCCI)

भारत के पूर्व क्रिकेटर निखिल चोपड़ा का मानना है कि युजवेंद्र चहल 10 नवंबर को एडिलेड ओवल में खेले गए आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया के लिए अहम भूमिका निभा सकते थे। क्रिकेट पंडित ने आगे टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में चहल को एक भी मौका नहीं देने के भारत के फैसले की भी आलोचना की और कहा भारतीय लेग-स्पिनर को टूर्नामेंट में शुरुआत में मौका देना चाहिए था ताकि वह सेमीफाइनल के लिए तैयार रहे।

आपको बता दें, भारतीय क्रिकेट टीम को एडिलेड में इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट की करारी हार झेलनी पड़ी, जिसके साथ ही उनका टी-20 वर्ल्ड कप 2022 का अभियान निराशाजनक मोड़ पर समाप्त हुआ। इस मैच में कोई भी भारतीय गेंदबाज विकेट नहीं ले पाया और इंग्लैंड ने 16 ओवरों में ही 169 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लिया।

भारत ने चहल को दरकिनार कर की भारी चूक: निखिल चोपड़ा

निखिल चोपड़ा ने क्रिकट्रैकर के ‘बैटब्रिक्स7 प्रेजेंट्स रन की रनीति’ शो पर कहा: “मुझे लगता है कि भारत टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के सुपर 12 स्टेज के कुछ मैचों में युजवेंद्र चहल को खिला सकता था, जिससे उन्हें ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में ढलने का मौका और साथ ही उन्हें कुछ गेम टाइम भी मिल जाता। इस तरह चहल सेमीफाइनल के लिए मानसिक रूप से तैयार होते, क्योंकि वह बहुत चतुर गेंदबाज हैं।

जब आप 50,000-60,000 दर्शकों के सामने गेंदबाजी करते हैं, तो आपको वो जरुरी आत्मविश्वास मिलता है, इसलिए मुझे लगता है भारत चहल को जिम्बाब्वे, नीदरलैंड या यहां तक कि बांग्लादेश के खिलाफ आजमा सकता था। भारत के पास उसे मौका देने के पर्याप्त मौके थे, लेकिन अफसोस उन्होंने उसे एक भी मौका नहीं दिया। भारतीय टीम प्रबंधन को यह पता लगाना चाहिए था कि चहल इन मैचों में क्या करता है, टीम के साथ मेल खता है या नहीं।

इस तरह इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में हमारे पास एक अतिरिक्त स्पिनर होता। हालांकि, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि भारत चहल के प्लेइंग इलेवन में नहीं होने के कारण मैच हार गया, या टूर्नामेंट से बाहर हुआ, लेकिन निश्चित रूप से लेग-स्पिनर की उपस्थिति से टीम को काफी फायदा होता, क्योंकि आदिल राशिद की गेंद काफी टर्न ले रही थी, और उसी समय मुझे लगा कि भारत को चहल जैसे स्पिनर की जरूरत है।”

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