बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में हार के बाद पूर्व दिग्गज ने रोहित, कोहली, राहुल को जमकर लताड़ा
बांग्लादेश के खिलाफ पहले दो वनडे में टीम इंडिया का टाॅप ऑर्डर बुरी तरह फेल रहा था।
अद्यतन - दिसम्बर 10, 2022 5:04 अपराह्न
टी-20 विश्व कप 2022 के सेमीफाइनल मुकाबले से बाहर होने के टीम इंडिया की आलोचनाओं को तब और हवा लगी जब भारतीय क्रिकेट टीम सांतवे नंबर की वनडे टीम बांग्लादेश से जारी तीन मैचों की वनडे सीरीज को गंवा दिया था।
बता दें कि साल 2021 में शानदार प्रदर्शन करने वाली टीम इंडिया साल 2022 में अपने उस प्रदर्शन को जारी नही रख सकी है। भारत ने एशिया कप, टी-20 विश्व कप 2022 और न्यूजीलैंड व बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज को गंवाया है। हालांकि टीम में इस दौरान बड़े नाम भी खेल रहे थे, फिर भी टीम इंडिया को हार का मुंह देखना पड़ा है।
दो दूसरी तरफ टीम इंडिया के टाॅप ऑर्डर की कड़ी आलोचना करते हुए भारतीय टीम के पूर्व विश्व कप विजेता खिलाड़ी मदनलाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केएल राहुल, विराट कोहली, रोहित शर्मा और शिखर धवन के होते हुए भी टीम इंडिया ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज को कैसे गंवा दिया? साथ ही मदनलाल ने कहा कि ये सीनियर खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं खेल रहे हैं।
टीम इंडिया के टाॅप ऑर्डर से नाराज हैं मदनलाल
बता दें कि टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों से तीखे सवाल पूछते हुए मदनलाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बड़ा बयान दिया है। मदनलाल ने सीनियर खिलाड़ियों को लेकर कहा, अगर आप रिकॉर्ड देखें तो उन्होंने पिछले तीन साल में कितने शतक लगाए हैं? और पिछले एक साल में कितने?
मदनलाल ने आगे कहा, उम्र के कारण हाथ और आंखों का तालमेल धीमे हो जाता है। लेकिन वे अनुभवी खिलाड़ी हैं और उन्हें प्रदर्शन करना चाहिए था, अगर आपका टॉप ऑर्डर अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो आप जीत नहीं सकते।
वहीं दूसरी तरफ टीम इंडिया की गेंदबाजी पर बात करते हुए मदनलाल ने कहा, अचानक से आपका गेंदबाजी क्रम कमजोर हो गया है। गेंदबाजी देखकर ऐसा लग रहा है कि कोई विकेट नहीं ले पाएगा। दूसरे वनडे में बांग्लादेश ने 69 रन पर 6 विकेट गंवाने के बाद भी 271 रन बना लिए, तो ये सब क्या चल रहा है?
साथ ही मदनलाल ने कहा कि अब टीम इंडिया को अपनी रणनीति बदलने की जरूरत है। सभी देश ऐसे ही खेल रहे हैं। क्रिकेट के अलग-अलग प्रारूप में विशेष क्रिकेटर होने चाहिए। मैं पूछता हूं कि अलग-अलग प्रारूपों के लिए अलग-अलग खिलाड़ी क्यों नहीं हैं? सभी देश ऐसा कर रहे हैं और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए।