ऑस्ट्रेलिया दौरा फतह करने के बाद टीम इंडिया का अगला पढ़ाव न्यूज़ीलैंड दौरा है. वर्ल्डकप 2019 से पहले न्यूजीलैंड का दौरा भारतीय टीम के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
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भारतीय टीम 23 जनवरी को नेपियर के मैदान में 5 वनडे मैचों की सीरीज़ का आगाज़ करेगी। इसके बाद टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड में 3 मैचों की टी20 सीरीज़ खेलनी है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद टीम इंडिया के लिए अपनी वर्ल्डकप की तैयारी परखने के लिए न्यूज़ीलैंड दौरा सबसे अहम है। टीम इंडिया को न्यूजीलैंड को उसी की धरती पर हराना आसान नहीं होगा।
केन विलियमसन की कप्तानी वाली कीवी टीम ने हाल ही में पाकिस्तान को यूएई में और श्रीलंका को अपनी सरज़मी पर हराया है। न्यूज़ीलैंड को हराने के लिए कप्तान कोहली को हर हाल में पांच काम करने होंगे।
1- तेज़ गेंदबाज़ी की बागडोर सौंपनी होगी भुवनेश्वर को
कप्तान विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया के दौरे की तर्ज पर तेज़ गेंदबाज़ी की बागडोर न्यूजीलैंड दौरे पर भुवनेश्वर कुमार को सौंपनी होगी।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया के इस गेंदबाज़ ने भुमराह की गैरमौजूदगी में बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए विकेट चटकाए।
2- सलामी जोड़ी को दिखाना होंगे आक्रामक तेवर
न्यूजीलैंड की पिचों पर बल्लेबाज़ धीमी बल्लेबाज़ी करते हैं तो निश्चित ही टीम मैच हारती है। इस बात की बानगी इसी से पता चलती है.
श्रीलंका के खिलाफ 3 वनडे मैचों में कीवी टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 300 प्लस स्कोर खड़ा किया। ऐसे में भारतीय सलामी बल्लेबाज़ों पर तेज़ शुरुआत दिलाने की अहम ज़िम्मेदारी होगी।
3- स्पिनर्स को करनी होगी टू द विकेट गेंदबाज़ी
कीवी बल्लेबाज़ अपने होम ग्राउंड पर सबसे तेज़ प्रहार स्पिनर्स पर ही करते हैं। अगर देखा जाए तो स्पिनर्स की लय बिगाड़ने के लिए कीवी बल्लेबाज़ उनपर खुलकर शॉट लगाते हैं। ऐसे में कप्तान कोहली को अपने स्पिनर्स से टू द विकेट गेंदबाज़ी करानी होगी।
4- फील्डिंग का होगा अहम रोल
तेज़ उछाल पिचों पर न्यूजीलैंड में फील्डिंग का अहम रोल होता है। टीम इंडिया के खिलाड़ियों को मैच में बेहतरीन फील्डिंग करनी होगी ताकि मैच में कीवी टीम को पूरी टक्कर दी जा सके। कीवी टीम ने जिस तरह पाकिस्तान टीम और श्रीलंका के खिलाफ फील्डिंग की है। वह जगजाहिर है।
5- फिनिशर पर होगी अहम ज़िम्मेदारी
न्यूजीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रामण उनके स्पिनर्स से काफी बेहतर है। ऐसे में बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए अगर भारतीय सलामी बल्लेबाज़ कीवी तेज़ गेंदबाज़ों का शिकार होते भी हैं तो मध्यक्रम के बल्लेबाज़ों और फिनिशर के तौर पर धोनी के कंधो पर एक बार फिर टीम को लक्ष्य तक ले जाने की सबसे अहम ज़िम्मेदारी होगी।