IND vs BAN: बांग्लादेश के खिलाफ भारत का रहा है एकतरफा दबदबा, कुछ ऐसा है हेड टू हेड रिकॉर्ड
भारत और बांग्लादेश के बीच अब तक कुल 13 टेस्ट मैच खेले गए हैं।
अद्यतन - Sep 18, 2024 11:04 am

भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट सीरीज की शुरुआत गुरुवार (19 सितंबर) से होने जा रही है। दो मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया 6 महीने बाद सबसे लंबे फॉर्मेट में खेलने के लिए उतरेगी। वहीं, नजमुल हुसैन शांतो की कप्तानी वाली बांग्लादेश ने हाल ही में पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज खेली थी, जहां उन्होंने पाक टीम का 2-0 से सूपड़ा साफ किया और इतिहास रच डाला।
हालांकि, बांग्लादेश का भारत के खिलाफ टेस्ट रिकॉर्ड काफी ज्यादा खराब है। भारत का पिछले 24 सालों में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में एकतरफा राज रहा है। टेस्ट में भारत और बांग्लादेश के हेड-टू-हेड रिकॉर्ड की बात करें तो दोनों टीमों ने अभी तक कुल 13 टेस्ट मैच खेले हैं। बांग्लादेश आज तक भारत के खिलाफ टेस्ट में जीत नहीं पाया है। भारत ने बांग्लादेश को 11 टेस्ट में हराया है और दो मैच ड्रॉ रहे हैं। दोनों के बीच पहला टेस्ट नवंबर 2000 में खेला गया था।
IND vs BAN: Head to Head Records टेस्ट क्रिकेट में (हेड टू हेड रिकॉर्ड):
मैच | 13 |
भारत ने जीता | 11 |
बांग्लादेश ने जीता | 0 |
ड्रॉ | 02 |
टाई | 0 |
भारत-बांग्लादेश के बीच आखिरी टेस्ट सीरीज दिसंबर 2022 में खेली गई थी। भारत ने तब बांग्लादेश में दो मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप किया था। टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान रोहित चोटिल होने के कारण उस सीरीज में नहीं खेल पाए थे। वह उस वक्त अंगूठे की चोट से जूझ रहे थे।
आपको बता दें कि, पाकिस्तान से पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने के बाद बांग्लादेश टीम का कॉन्फिडेंस सातवें आसमान पर है। हालांकि, कप्तान रोहित इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे। उनका मानना है कि बांग्लादेश के खिलाफ नई रणनीति बनाने की कोई जरूरत नहीं है।
चेन्नई टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित शर्मा ने कहा कि, ”हर टीम भारत को हराना चाहती है। उन्हें इस पर गर्व होता है। उन्हें मजे करने दीजिए। हमारा काम यह सोचना है कि मैच कैसे जीते जाएं। हम इस बारे में नहीं सोचते कि विरोधी टीम हमारे बारे में क्या सोच रही है।” उन्होंने कहा, ”भारत ने दुनिया की लगभग हर शीर्ष टीम के खिलाफ क्रिकेट खेला है। इसलिए पूरी तरह से अलग रणनीति बनाने की जरूरत नहीं है।”