आईपीएल 11: गंभीर के कप्तान बनते ही दिल्ली डेयरडेविल्स की आधी टीम बिकी

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IPL trophy. (Photo Source: Twitter)

आईपीएल सीजन 11 की शुरुआत होने से पहले ही दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में बड़ा बदलाव हो गया है टीम का मालिकाना हक रखने वाले जेएमआर ग्रुप और जिंदल स्टील वर्कस के बीच टीम की 50% हिस्सेदारी बेचने पर सहमति बन गई है. दिल्ली डेयरडेविल्स का मालिकाना हक पिछले 10 साल से जीएमआर के पास था और अब जिंदल स्टील वर्कस का भी आईपीएल के मैदान में आने का सपना पूरा हो गया है. लेकिन अभी इसकी आधिकारिक घोषणा बाकी है.

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खेल के क्षेत्र में जिंदल स्टिल्स का नाम कोई नया नहीं है जिंदल स्टिल्स हमेशा अपने स्तर पर खिलाड़ियों की मदद करते आ रहे हैं. आईलीग में जेएसडब्ल्यू के पास बेंगलुरू एफसी का मालिकाना हक है. कुछ समय पहले जेएसडब्ल्यू के मालिक सज्जन जिंदल और उनके बेटे पार्थ ने एक कार्यक्रम में आईपीएल टीम खरीदने की इच्छा जताई थी और उन्होंने यह भी कहा था कि हम इस दिशा में आगे प्रयास कर रहे हैं.

सज्जन जिंदल ने कहा था आईपीएल को हम एक बड़े मौके की तरह देखते हैं और हमलोगों का ध्यान आईपीएल की कई फ्रेंचाइजियों पर है. जो इससे बाहर निकलना चाहती है और हमलोग उन पर नजर बनाए रखे हैं. आईपीएल में हमलोगों का सौदा काफी फायदेमंद साबित होगा. और हमें जहां तक अंदाजा है आईपीएल की सभी टीमें पैसा कमाएंगे. क्योंकि आईपीएल क्रिकेट की दुनिया का एक सबसे बड़ा मंच है.

वर्ष 2015 में भी जेएसडब्ल्यू आईपीएल की टीम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए काफी जान लगा दी थी. लेकिन इसी दौरान स्पॉट फिक्सिंग की गाज इसपर गिरी जिसके कारण चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स जैसे टीमों पर 2 साल का बैन लगा दिया गया था. और उस वक्त जो बातें चल रही थी कि जिंदल स्टील रॉयल चैलेंज बेंगलुरु में निवेश करने का मन बना रही थी लेकिन स्पॉट फिक्सिंग के बाद कंपनी ने अपना ध्यान उससे हटा लिया.

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