आईपीएल 2018: धोनी ने वाटसन को बहुत संभाल कर रखा था, चेन्नई के सीओ ने किया खुलासा
अद्यतन - मई 30, 2018 11:45 अपराह्न
आईपीएल सीजन 11 का ताज चेन्नई सुपरकिंग्स एक बार फिर अपने नाम किया है. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स तीसरी बार इस खिताब को अपने नाम कर आईपीएल की सर्वश्रेष्ठ टीम हो गई है. लेकिन इस सीजन को जीतने में चेन्नई सुपरकिंग्स के सालमी बल्लेबाज शेन वाटसन का एक बड़ा योगदान रहा उन्होंने फाइनल में सीज़न का दूसरा शतक जड़ा और सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाजों में हड़कम्प पैदा कर दिया और 57 गेंदों पर 117 रनों की पारी खेल चेन्नई को खिताब दिलाई
चेन्नई सुपरकिंग्स ने 19वें ओवर में कुल 179 रन बनायें लेकिन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने 57 गेंदों पर 117 रनों की पारी खेली और अंत तक नाबाद रहे. मगर फ्रैंचाइजी के सीईओ काशी विश्वनाथ ने खुलासा किया है कि वॉटसन को फाइनल से पहले बहुत देखभाल के साथ संभाला गया था. 36 वर्षीय इस खिलाड़ी ने फ्रेंचाईजी में अपना विश्वास को बनाये रखा था. और टीम के सफल बल्लेबाजो में से एक थे. वाटसन ने 15 मैचों में 40 कई औसत से 555 रन बनाया और 154.60 की औसत से अद्भुत स्ट्राइक रेट दर्ज कराया. वाटसन ने गेंदबाजों की भी मदद की.
वही इस आईपीएल सीजन में एक ऐसी वक्त भी आई जब वाटसन चोटिल होने के वजह से कुछ मैच नही खेल सके. लेकिन आखिरी मैच में वो सामने आये और डट कर मुकाबला भी किया. और अपनी गगनचुंबी चौकों और छक्कों की मदद से फ्रेंचाइजी की कसौटी पर खड़े उतरे.
ये भी सच है कि वाटसन 100 प्रतिशत फिट नही थे:
एमएस धोनी वाटसन की सीमाओं के बारे में अच्छी तरह से जानते थे और उन्हें चोटिल होने के कारण मैदान में नही उतरने दिया. विश्वनाथ ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए पुष्टि की है की ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर इस खेल में पूरी तरह से फिट नहीं थे और टीम द्वारा अत्यधिक देखभाल के साथ उन्हें संभाला गया था, “यह सच है कि वॉटसन 100 प्रतिशत फिट नहीं था, उन्होंने कहा “उन्होंने बड़े फाइनल के लिए उन्हें अच्छी तरह से सहेजा’.
धोनी के इस कदम ने अंत में टीम को लाभ भी पहुंचाया. अनुभवी बल्लेबाज बल्ले के साथ सीएसके के लिए एक हाथ से गेम जीता. और पूरी तरह फिट नही होने के बावजूद भी तेजी मैदान पर रन के दौड़ते भी नजर आए और आखिर के मैच के दौरान 11 चौके और 8 छक्के लगाया.