IPL 2022: महेला जयवर्धने ने नो-बॉल ड्रामे को लेकर DC को लताड़ा और कर दी नियमों में बदलाव की मांग

महेला जयवर्धने ने नो-बॉल विवाद को लेकर दिल्ली कैपिटल्स के रवैये की आलोचना की हैं।

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Mahela Jayawardene. (Image Source: BCCI/IPL)

राजस्थान रॉयल्स (RR) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के बीच पिछले हफ्ते खेले गए आईपीएल 2022 (IPL 2022) मुकाबले में नो-बॉल को लेकर भयानक विवाद देखने को मिला था। जिसके बाद, इस विवाद पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिली। अब इस नो-बॉल विवाद पर मुंबई इंडियंस (MI) के मुख्य कोच महेला जयवर्धने ने बड़ा बयान दिया है। आईसीसी (ICC) की क्रिकेट समिति के सदस्य ने कानून में बदलाव की मांग की है।

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श्रीलंकाई दिग्गज महेला जयवर्धने का मानना ​​है कि तकनीक के बेहतर इस्तेमाल के लिए तीसरे अंपायरों और ऑन-फील्ड अंपायरों के बीच सूचनाओं का अधिक से अधिक संचार होना चाहिए ताकि ऐसे विवादों से बचा जा सकें, और सही फैसला लेने में मदद मिल सकें।

मुंबई इंडियंस (MI) के मुख्य कोच ने कहा है कि ऑन-फील्ड अंपायरों ने नियमों का पालन किया, लेकिन तीसरे अंपायर तक दिल्ली कैपिटल्स (DC) की मांग नहीं पहुंचाने पर इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से बढ़ा दिया गया था। उन्होंने आगे कहा यह विवाद मैच के अंतिम ओवर में हुआ था इसलिए भी दिल्ली टीम का गुस्सा भड़क गया था।

महेला जयवर्धने ने नो-बॉल विवाद पर दिल्ली कैपिटल्स की खिंचाई की

द आईसीसी रिव्यु पर बात करते हुए महेला जयवर्धने ने कहा: “यह (नो-बॉल पर विवाद) आगे भी हो सकता है, और मुझे लगता हैं कि हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। क्या कोई ऐसा विकल्प है कि तीसरा अंपायर इन चीजों को देखे और ऑन-फील्ड अंपायर को सूचित करे कि इस गेंद को चेक किया जाना चाहिए? यह देखना निराशाजनक था कि दिल्ली ने मैच रोक दिया था, और टीम के कुछ सदस्य मैदान पर आ गए थे, लेकिन मैं ईमानदारी से मानता हूं कि यह केवल आखिरी ओवर में उमड़ी भावनाएं थीं। कुछ छक्के लग चुके थे और मैच रोमांचक हो गया था।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन नियम कहते हैं कि आप उन चीजों की जांच के लिए तीसरे अंपायर के पास नहीं जा सकते हैं। खेल की भावना और चीजों को आगे बढ़ते हुए देखना, किसी खिलाड़ी या कोच के लिए मैदान पर आने का विकल्प कभी नहीं होता है। हमने इसे टेलीविजन पर देखा, ज्यादातर लोग इसे एक साथ देख रहे थे और बाद में हमारी बातचीत हुई। हमने भी शायद डगआउट में इसी तरह की  प्रतिक्रिया दी होती, लेकिन यह कभी भी मैदान पर जाने का विकल्प नहीं है। इसलिए ऐसे मुद्दों के लिए तीसरे अंपायर की भूमिका होनी चाहिए अगर कभी कमर के ऊपर कि गेंद पर संदेह हो तो वे ऑन-फील्ड अंपायरों को बताए कि इस गेंद को चेक किया जाना चाहिए।”

 

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