दिल्ली कैपिटल्स (DC) और पंजाब किंग्स (PBKS) के बीच 17 मई को धर्मशाला में खेले गए जारी आईपीएल 2023 के 64वें मैच में एक विवादास्पद नो-बॉल कॉल ने क्रिकेट बिरादरी को एक बार फिर खराब अंपायरिंग पर सवाल उठाने के लिए मजबूर कर दिया।
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दरअसल, इशांत शर्मा ने पंजाब किंग्स (PBKS) की पारी के अंतिम ओवर की चौथी गेंद पर कमर तक फुल टॉस फेंका, जिस पर लियम लिविंगस्टोन ने छक्का जड़ दिया। लेकिन ऑन-फील्ड अंपायर ने तुरंत इसे नो बॉल होने का संकेत दिया, जिसके बाद दिल्ली कैपिटल्स (DC) के कप्तान डेविड वार्नर ने तीसरे अंपायर की मदद ली।
“मैं इस नियम को सच में नहीं समझ पा रहा हूं”: पार्थ जिंदल
बॉल ट्रैकिंग से पता चला कि गेंद स्टंप्स के ऊपर से जाते हुए थोड़ा चूक गई होगी। वहीं शॉट खेलते समय लियम लिविंगस्टोन भी थोड़ा झुक गए थे, लेकिन थर्ड अंपायर ने ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले का समर्थन किया और वह डिलीवरी नो बॉल ही रही। इस बीच, पंजाब किंग्स (PBKS) के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स (DC) की 15 रनों की जीत के बाद कमेंटेटर हर्षा भोगले ने थर्ड अंपायर के फैसले पर निराशा जाहिर की।
हर्षा भोगले ने ट्विटर पर लिखा, “तीसरे अंपायर द्वारा कमर-हाई नो-बॉल के फैसले पर, यह महत्वपूर्ण है कि आगे भी निरंतरता बनी रहे।” इस ट्वीट पर दिल्ली कैपिटल्स (DC) के मालिक पार्थ जिंदल ने इस नियम के बारे में अपनी उलझन जाहिर की और कहा कि अगर यह नो-बॉल थी तो फिर महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2023 के फाइनल में शेफाली वर्मा को आउट करने वाली गेंद को भी इसी तरह नो बॉल कहा जाना चाहिए था।
पार्थ जिंदल ने ट्वीट किया: “मैं इस नियम को सच में नहीं समझ पा रहा हूं – WPL फाइनल में जिस गेंद से शेफाली वर्मा आउट हुईं, वह स्पष्ट रूप से नो-बॉल थी, अगर वही नियम लागू होते हैं, जो आज रात लागू हुए हैं। नियम क्या है?”
I for one seriously cannot understand the rule – the ball in the WPL final that got Shafali Verma out was clearly a no ball if the same rules apply that applied tonight. What is the rule? @IPLhttps://t.co/fvALsgdnpk