विराट कोहली हैं सूरज और बाकी खिलाड़ी हैं जुगनू!
अद्यतन - जनवरी 31, 2019 10:29 अपराह्न

एक दौर था जब विपक्षी खिलाड़ी सोचते थे कि सुनील गावस्कर को जल्दी आउट कर दो सारे भारतीय बल्लेबाज जल्दी ही आत्मसमर्पण कर देंगे। फिर सुनील की जगह सचिन तेंडुलकर ने ली। सचिन आउट तो भारतीय मान लेते थे कि अब मैच खत्म हो गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ जिस तरह से भारतीय टीम ने चौथा वनडे मैच गंवाया है उसे देख क्या ऐसा महसूस नहीं होता कि विराट कोहली के बिना भी टीम इंडिया असहाय हो जाती है।
जो टीम ऑस्ट्रेलिया में विजय का डंका बजा कर आई थी। जिस टीम ने न्यूजीलैंड को पहले तीन मैचों में पानी पिला दिया था। वही टीम चौथे मैच में घुटने पर आ गई। फर्क ये था कि विराट टीम में नहीं थे और उनके बिना भारतीय बल्लेबाजों की कलई खुल गई।
ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम में प्रतिभाशाली बल्लेबाज नहीं हैं। शिखर धवन, रोहित शर्मा, शुभमन गिल, अंबाती रायडू अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन विराट की उपस्थिति में ये निखर जाते हैं।
विराट टीम के सूरज की तरह है जिससे रोशनी के लेकर अन्य खिलाड़ी चमकते हैं। जब विराट यानी कि सूर्य नहीं होता तो ये खिलाड़ी भी अंधकार में खो जाते हैं।
यह स्थिति किसी भी टीम के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती। एक ही खिलाड़ी पर बहुत ज्यादा निर्भर हो जाना अच्छे लक्षण नहीं हैं। शायद यह इसलिए भी हुआ कि लंबे समय से खेल रहे विराट ने अचानक विश्राम ले लिया और साथी खिलाड़ी इसके अभ्यस्त नहीं हैं। एक-दो मैच गुजर जाने के बाद स्थिति ठीक हो जाए।
तीसरे वनडे में एक और गलती की गई। विराट नहीं थे तो धोनी को मौका दिया जाना चाहिए था। धोनी सीनियर खिलाड़ी हैं और उनकी उपस्थिति में टीम के खिलाड़ी अपने आपको सुरक्षित महसूस करते। अंतिम वनडे में तो धोनी को टीम में रखना ही होगा।