भारतीय क्रिकेट टीम को हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में विजयी शुरुआत के बाद एक बार फिर दो मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा। टेस्ट सीरीज में भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही टीमों के गेंदबाजों ने जमकर कहर बरपाया, लेकिन लो स्कोरिंग सीरीज का विजेता बल्लेबाजी के आधार पर ही चुना गया।
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इस सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों के साथ-साथ उनके बल्लेबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया और टीम को 2-1 से सीरीज जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दक्षिण अफ्रीका के लिए तीनों मैचों में उनके नंबर तीन बल्लेबाज कीगन पीटरसन ने शानदार परियां खेली।
पीटरसन ने टेस्ट सीरीज में 3 अर्धशतकीय पारियों के साथ 46 के औसत से 276 रन बनाए जो की सीरीज में दोनों ही टीमों में सबसे ज्यादा हैं और इसी के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया। पीटरसन ने खतरनाक भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ मुश्किल परिस्थिति में धैर्य और काबीलियत का जो परिचय दिया वो काबिले तारीफ है और हर कोई उन्हें दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट का भविष्य बता रहा है।
कीगन पीटरसन हुए भारतीय गेंदबजों के मुरीद
28 वर्षीय पीटरसन ने स्वीकार किया कि यह गेंदबाजी आक्रमण उनके अब तक के करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण गेंदबाजी आक्रमण रहा। उन्होंने कहा टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय तेज गेंदबाजों का सामना करना उनके क्रिकेट करियर में अब तक की सबसे कठिन चुनौती थी।
पीटरसन ने हाल ही में क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) की वेबसाइट पर कहा, “मैं इसे अभी तक भूला नहीं पाया हूं। मैं अभी भी उन पारियों को महसूस कर रहा हूं। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमणों में से एक के खिलाफ यह एक चुनौतीपूर्ण श्रृंखला थी। यह मेरे करियर में अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण गेंदबाजी थी।”
उन्होंने आगे कहा कि, “अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मेरे लिए एक आसान नहीं रहा है, लेकिन मुझे जब भी मौका मिलता है, तो मैं बेहतर करने की कोशिश करता हूं। मैं मौका देने के लिए सबका आभारी हूं, उन लोगों के समूह के बीच खेल रहा हूं, जो दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में कुछ नया शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। हम एक टीम के रूप में एक नई कहानी लिखने की कोशिश कर रहे हैं।”