जेम्स एंडरसन इंग्लैंड टीम में कोरोना मामले बढ़ने से चिंतित - क्रिकट्रैकर हिंदी

जेम्स एंडरसन इंग्लैंड टीम में कोरोना मामले बढ़ने से चिंतित

इंग्लिश कोच क्रिस सिल्वरवुड भी अगले टेस्ट से बाहर हो गए हैं।

James Anderson. (Photo by PAUL ELLIS/AFP via Getty Images)
James Anderson. (Photo by PAUL ELLIS/AFP via Getty Images)

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज पर कोरोना वायरस खतरा तेजी से फैलता जा रहा है। अब आईसीसी मैच रेफरी भी कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें सिडनी टेस्ट से बाहर होना पड़ेगा। वहीं, इंग्लैंड के कोच क्रिस सिल्वरवुड भी अगले टेस्ट से बाहर हो सकते हैं क्योंकि उनके परिवार का एक सदस्य पॉजिटिव पाया गया है। इसी बीच तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने इंग्लैंड के साथियों से जिम्मेदार रहने के लिए कहा है।

सिल्वरवुड की अनुपस्थिति में असिस्टेंट कोच ग्राहम थोर्प कार्यकारी कोच की भूमिका निभाएंगे। इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी कोच जॉन लुइस, स्पिन मेंटर जीतन पटेल और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग विशेषज्ञ डैरेन वेनेस भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और क्वारंटाइन में हैं। गुरुवार को एक और टेस्ट कराए गए, जिसमें सभी को निगेटिव आना पड़ेगा ताकि सीरीज जारी रह सके।

जेम्स एंडरसन चाहते हैं इंग्लैंड टीम में संक्रमण और मत फैले

वैकल्पिक ट्रेनिंग सत्र के बाद तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम बस यही उम्मीद कर रहे हैं कि यह आगे नहीं फैलेगा और हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर कोई सुरक्षित है और सिडनी जा सकता है। हमें कल देर रात सिल्वरवुड के बारे में पता चला। यह निराशाजनक है और आज सुबह हमारी पूरी टीम का फिर से टेस्ट किया गया। हम जितना संभव हो सके, संक्रमण को नियंत्रित करने और होटल के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं।”

वहीं, मौजूदा एशेज सीरीज की बात करते हुए एंडरसन ने कहा कि इंग्लैंड आगामी दो टेस्ट मैचों पर ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “हमें अपना खोया हुआ आत्मविश्वास वापस हासिल करना होगा और प्रतिस्पर्धा करने कि कोशिश करनी होगी- यही खिलाड़ियों के रूप में हमारा मुख्य फोकस है। हमें मैदान के बाहर जो हो रहा है, उसे रोकना होगा और चौथे और पांचवें टेस्ट पर ध्यान देना होगा।”

जेम्स एंडरसन ने आगे कहा, “यह कई बार मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार एशेज में खेल रहे हैं। यही वो परिस्थिति है जब सीनियर खिलाड़ियों को साथ आना चाहिए, हमें कोशिश करनी होगी और बाकियों कि हौसला अफजाई करनी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि हर कोई मानसिक तौर पर सकारात्मक सोच रहा है।

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