टीम इंडिया ने मेलबर्न वनडे जीतकर सीरीज़ 2-1 से जीत ली। कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट और वनडे सीरीज़ जीतकर इतिहास रच दिया। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय गेंदबाज़ों के सामने कंगारू बल्लेबाज़ पूरी तरह सरेंडर कर गए।
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पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय गेंदबाज़ों का सामना नहीं कर सकी। ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक के बाद एक झटके लगते रहे और पूरी टीम 230 रनों तक पैवेलियन लौट गई।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के लिए 231 रनों का लक्ष्य दिया, जिसे भारत ने 4 गेंद शेष रहते यह मैच जीत लिया। महेंद्र सिंह धोनी ने 114 गेंदों पर 87 रनों की नाबाद पारी खेली और मैच जिताया। धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ में कमाल कर दिया और लगातार 3 मैचों में अर्धशतक लगाकर मैन ऑफ द सीरीज़ का इनाम जीता।
जीत के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए और उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि जब मैच अंतिम ओवरों में टाइट हो गया तो डग आउट में सभी रिलेक्सड थे और जानते थे कि मैच हाथ में है। उन्होंने कहा कि 7 विकेट हाथ में थे और ऐसी सिचुएशन में 10 में से 9 बार टीम जीतती है इसलिए कोई चिंता नहीं थी।
टीम कॉम्बिनेश पर उन्होंने कहा कि हम दूसरी टीमों के लिए प्रिडिक्टेबल नहीं होना चाहते। उन्होंने कुलदीप यादव के बारे में कह कि पिछ्ले कुछ समय से बल्लेबाज़ कुलदीप को उनके हाथ से आसानी से पढ़ पा रहे थे और उनके लिए सिंगल आसान हो रहा था। इसीलिए चहल को शामिल किया गया।
कप्तान ने कहा कि टीम का संतुलन बनाना ज़रूरी है और हार्दिक टीम में नहीं है तो केदार जाधव जैसे किसी खिलाड़ी को टीम में लेना ज़रूरी होता जो बैट और बॉल से योगदान दे सके। उन्होंने इस सीरीज़ जीत को टीम एफर्ट का नतीजा कहा।
भारतीय कप्तान के बयान से साफ ज़ाहिर है कि वे टीम में ऑलराउंडर की भूमिका को अहम मानते हैं और टीम संतुलन पर ज़ोर देते हैं। हार्दिक पांड्या का नाम भी उन्होंने इसीलिए लिया।