नहीं रहे क्रिकेट जगत के दिग्गज कोच तारक सिन्हा, लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन

71 साल की उम्र में तारक सिन्हा का हुआ निधन।

Advertisement

Rishabh Pant and Tarak Sinha. (Photo Source: Twitter)

क्रिकेट जगत से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां भारत को एक से बढ़कर एक क्रिकेटर देने वाले दिग्गज कोच तारक सिन्हा का निधन हो गया है। सिन्हा पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और 6 नवंबर की सुबह उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। तारक सिन्हा द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले देश के 5वें कोच थे। उनसे पहले ये अवॉर्ड देश प्रेम आजाद, गुरचरण सिंह, रमाकांत आचरेकर और सुनीता शर्मा को मिल चुका है।

Advertisement
Advertisement

तारक सिन्हा दिल्ली में सोनेट क्लब नाम का क्रिकेट क्लब चलाते थे। वहीं, तारक सिन्हा को लोग प्यार से उस्ताद जी कहकर पुकारते थे। कहा जाता है कि उनके पास खिलाड़ियों के हुनर को पहचानने की गजब की क्षमता थी और यही वजह थी कि उन्होंने एक से बढ़कर एक खिलाड़ी भारत को दिए।

तारक सिन्हा ने तैयार किए एक से बढ़कर एक दिग्गज खिलाड़ी

गुरु तारक सिन्हा से क्रिकेट सीखने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट काफी बड़ी है, लेकिन उनके 12 शिष्य ऐसे रहे जिन्होंने उनसे क्रिकेट सीखने के बाद देश का प्रतिनिधित्व किया। इनमें रंधीर सिंह, सुरिंदर खन्ना, रमन लांबा, मनोज प्रभाकर, अतुल वासन, अजय शर्मा, केपी भास्कर, संजीव शर्मा, आशीष नेहरा, आकाश चोपड़ा, अंजुम चोपड़ा, शिखर धवन और ऋषभ पंत जैसे बड़े-बड़े खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं।

आकाश चोपड़ा ने भी ट्वीट कर जताया शोक

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने अपने कोच के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, “उस्ताद जी नहीं रहे, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, एक दर्जन से अधिक भारतीय टेस्ट क्रिकेटरों के कोच, बिना किसी संस्थागत मदद के भारतीय क्रिकेट के लिए की गई सेवा के लिए आपको याद किया जाएगा सर।”

बतौर कोच कैसा रहा तारक सिन्हा का करियर

तारक सिन्हा दिल्ली की टीम के कोच भी रहे, जहां उनकी कोचिंग में दिल्ली ने 1985-86 में रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया था। साल 2001-02 में वो भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच भी रहे थे, साथ ही उनकी कोचिंग में ही मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसे खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था।

Advertisement