मनोज तिवारी ने भारत के मौजूदा टीम प्रबंधन की तारीफ करते हुए बयां किया अपना दुख
मनोज तिवारी ने कहा उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने के मुझे मौके नहीं दिए गए!
अद्यतन - जून 24, 2022 6:07 अपराह्न
पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज तिवारी उन प्रतिभावान खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हे अपने देश का नेतृत्व करने के पर्याप्त अवसर नहीं मिले, और उन्हें पछतावा है कि वह वर्तमान टीम प्रबंध के नेतृत्व में नहीं खेल पाए। बंगाल के बल्लेबाज ने कहा कि अगर वह टीम इंडिया के मौजूदा प्रबंधन के तहत खेल रहे होते, तो उनका करियर अलग ही मुकाम पर होता।
आपको बता दें, दाएं-हाथ के बल्लेबाज ने साल 2008 में भारत के लिए डेब्यू किया था और सात सालों में उन्हें केवल 12 वनडे और तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने का मौका मिला। उन्होंने दिसंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के लिए अपना पहला शतक लगाया था, लेकिन उन्हें अगला मौका पाने के लिए सात महीनों का इंतजार करना पड़ा।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने के मुझे मौके नहीं दिए गए: मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने स्पोर्ट्स तक को बताया: “वर्तमान भारतीय टीम प्रबंधन खिलाड़ियों के 4-5 मैचों में फेल होने के बावजूद उनका समर्थन कर रहा है। काश ऐसा ही टीम प्रबंधन उस समय भी होता जब मैं खेल रहा था, तो यह मेरी काफी मदद करता। शायद आपको याद हो मैंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 100 रन बनाए थे और मुझे मैन ऑफ आफ द मैच का अवार्ड दिया गया था। लेकिन फिर मुझे अगले 14 मैचों के लिए बाहर कर दिया गया, और फिर मैं प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाया। यह अभी भी एक रहस्य है कि मुझे दोबारा टीम में जगह क्यों नहीं मिल पाई, और यह सवाल मैं उन लोगों से जरूर पूछूंगा जो उस समय टीम के प्रभारी थे।
मुझे नहीं लगता कि मेरे अलावा ऐसा कोई खिलाड़ी होगा, जो मैन ऑफ द मैच जीतने के बावजूद अगले 14 मैचों में बाहर बैठा हो। खैर, जब मुझे इतने लंबे अंतराल के बाद मौका मिला, तो मैंने अपने कमबैक मैच में 4 विकेट लिए और 65 रन भी बनाए, लेकिन इसके बावजूद भी मुझे भारत के लिए खेलने के लिए संघर्ष ही करना पड़ा। मुझे मौके ही नहीं दिए गए। जब आप समझदार हो जाते हैं, तो आपको ये सब चीजें उतनी प्रभावित नहीं करती, आपको ज्यादा पछतावा नहीं होता, लेकिन हां कभी-कभी दुख जरूर होता है। जब भी मैं किसी खिलाड़ी को बल्लेबाजी करते हुए देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मुझमें उससे अधिक क्षमता है, अगर मुझे और मौके मिलते, तो मैं खुद को साबित कर सकता था। अगर वर्तमान टीम प्रबंधन मेरे समय में होता, तो मुझे और भी बहुत से अवसर मिले होते।”
मनोज तिवारी ने मौजूदा भारतीय टीम प्रबंधन की तारीफ की
मनोज तिवारी ने ऋषभ पंत का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को संघर्ष के बावजूद लगातार मौके दिए जा रहे है, वैसे ही अगर उन्हें सपोर्ट मिला होता, और मौके मिले होते, तो उन्होंने अपने करियर में बहुत कुछ हासिल किया होता।
उन्होंने अंत में कहा: अगर वर्तमान राष्ट्रीय टीम प्रबंधन मेरे समय में रहा होता, तो मुझे और भी बहुत सारे अवसर मिले होते। आज आप देख रहे हैं कि भारतीय खिलाड़ी खुलकर खेल रहे हैं, क्योंकि उन्हें टीम में अपनी जगह गंवाने का डर नहीं हैं। उन्हें पता हैं कि दो-चार असफलताओं के बाद उन्हें टीम से बाहर नहीं किया जाएगा, उनके पास टीम प्रबंधन का समर्थन है। यह देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि मैंने सपोर्ट नहीं मिलने का दर्द झेला हैं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि 4 पारियां न तो किसी खिलाड़ी को बना पाती हैं, और ना ही तोड़ पाती हैं।”