पैरो की उंगलियां कटने के बाद भी मैदान में डटे है गप्टिल.

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Martin Guptill. (Photo Source: Twitter)

न्यूजीलैंड टीम के धमाकेदार बल्लेबाज मार्टिन गप्टिल एक ऐसे खिलाड़ी है जो बचपन से ही काफी संघर्षशील रहे है और यही वजह है की बचपन में अपने पैरों की 3 उंगलिया गवाने के बावजूद भी कभी हिम्मत नहीं हारे और उनके इस संघर्स का ही नतीजा निकला की आज वो न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज बन कर क्रिकेट के मैदान में धुआंधार पारी खेल रहे हैं और यही कारण है कि विरोधी टीम के गेंदवाज इनके मैदान पर होने मात्र से दबाब में आ जाते है

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कैसे गवाई अपनी तीन उंगलिया:

गप्टिल का जन्म 30 सितंबर 1986 को हुआ. गप्टिल जब 13 साल के थे तब उनके पैर पर एक सामान उठाने वाली लिफ्ट गिर पड़ी थी. इस घटना में गप्टिल के पैरों में गंभीर चोटें आई और बहुत खून भी निकला आनन फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी जीवन बचाने के लिए डॉक्टरों को मजबूरी में उनके बाएं पैरों की तीन उंगलियां काटनी पड़ी.

घटना के तुरंत बाद गप्टिल बेहोश हो गए थे जब उन्हें होश आया तो उनके बाएं पैर की 3 उंगलिया कट चुकी थी. गप्टिल थोड़ी देर मायूस हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी अपना हौसला बुलंद करते हुए गप्टिल ने ठाना की उन्हें आगे बढ़ना है. शुरुवात के कुछ साल उन्हें चलने और दौड़ने में परेशानी तो हुई लेकिन उन्होंने साहस से काम लिया जिसमे उनके परिवार का पूरा सहयोग मिला. खासकर उनके पिता का.

गप्टिल के अस्पताल में ईलाज के दौरान उनके पिता ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देने के लिए न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग को गप्टिल से मिलने का आग्रह कर ले गए. जिससे गप्टिल के हौसले में चार चांद लग गए जिसके बाद लगातार अपनी मेहनत और परिश्रम से पहले एक दिवसीय मैच में शतक लगाकर न्यूज़ीलैंड के पहले खिलाड़ी बनकर उभरे. तब से लगातार गप्टिल अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज बने हुए है.

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