सिडनी टेस्ट मैच की पहली पारी में भारतीय ओपनर मयंक अग्रवाल यूं तो शतक से 23 रन दूर रह गए, लेकिन जिन्होंने मयंक की पारी देखी है वो जानते हैं कि मयंक इतना अच्छा खेल रहे थे कि शतक बना सकते थे। नाथन लायन की गेंदों पर वे कुछ ज्यादा ही ललचा गए और खराब शॉट खेल कर उन्होंने अपनी अच्छी पारी पर पानी फेर दिया। खुद मयंक को भी इस बात का दुख होगा कि पहला शतक बनाने का मौका उन्होंने यूं ही खो दिया। अनुभवहीनता आड़े आ गई। वैसे भारतीय ओपनर्स की समस्या एक तरह से मयंक ने हल कर दी है और ऑस्ट्रेलिया में उनका अब तक का प्रदर्शन बेहतरीन है।
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मयंक के शतक चूकने का सबसे ज्यादा गम उनके कोच इरफान सैत को है। सैत ने कहा कि मैं उनके आउट होने से दुखी हूं। लेकिन इस बात से खुश हूं कि मयंक ने टीम में अपना स्थान पक्का कर लिया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अब तक खेली तीन पारियों में दो अर्धशतक लगाए हैं। वह छक्का लगाने के प्रयास में आउट हो गए। उम्मीद करता हूं कि वे इससे सबक सीखेंगे और आगे से ऐसी गलती से बचेंगे। फिर भी उन्होंने अच्छी पारी खेली जिसमें आत्मविश्वास झलक रहा था। उनके हर शॉट का मैंने मजा लिया।
पृथ्वी शॉ और मयंक की जोड़ी
इस समय चोट के कारण पृथ्वी शॉ टीम से बाहर हैं। जब वे वापसी करेंगे तो मयंक के लिए मुश्किल हालात पैदा होंगे, लेकिन कोच इरफान का मानना है कि जो अच्छा खेलेगा उसे टीम में मौका मिलेगा। कौन जाने पृथ्वी और मयंक की नई ओपनिंग जोड़ी बन जाए। बीते चार साल से मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ भारत की ‘ए’ टीम के लिए ओपन कर रहे हैं और टीम को जीत भी दिलवा रहे हैं।
मयंक ने पिछले रणजी सीजन में 13 पारियों में 105.45 की औसत से 1160 रन बनाए थे। इसमें एक तिहरे शतक समेत 5 शतक और 2 अर्द्धशतक शामिल थे। यही नहीं उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी 2018 में भी 8 पारियों में 90.37 की औसत से 723 रन बनाए, जिसमें 3 शतक और 4 अर्द्धशतक शामिल थे। लगता है कि भारत को एक स्टार खिलाड़ी मिल गया।