भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न टेस्ट में भारतीय टीम जीत की दहलीज़ पर खड़ी है, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए यह 1981 क्वे बाद पहला मौका होगा जबकि वह भारतीय टीम से मेलबर्न में हारेगी। हालांकि अभी मैच का परिणाम आना शेष है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की हार तय लग रही है।
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भले ही ऑस्ट्रेलिया टीम मेलबर्न की पिच पर हार की कगार पर है, लेकिन इस पिच को बनाने वाले क्यूरेटर इस परिणाम से खुश हैं, क्योंकि उनकी नौकरी बच गई।
मेलबर्न टेस्ट से पहले क्यूरेटर डेविड सेंडर्सकी परेशान थे, क्योंकि पिछली बार यहां जो टेस्ट हुआ था तो उसमें एमसीजी को आईसीसी ने खराब रेटिंग दी थी। इस दौरान पांच दिन में केवल 24 विकेट गिरे थे, जिसके बाद क्यूरेटर को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया गया था।
आईसीसी की चेतावनी थी कि दोबारा ऐसा हुआ तो मेलबर्न में इंटरनेशनल मैच की पाबंदी लग जाएगी। इस चेतावनी के बाद पुराने क्यूरेटर को हटाकर डेविड से ‘ड्राप-इन’ पिच तैयार करवाई थी, जो पर्थ को टक्कर दे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न टेस्ट पहले दिन दो दिन में नब्बे ओवर से ज्यादा गेंदबाजी तो मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हैजलवुड ने ही कर ली है। इस दौरान पिच क्यूरेटर की सांसे ऊपर नीचे हुई कि कहीं यह टेस्ट ड्रॉ नहीं हो जाए वरना एमसीजी पर बॉक्सिंग डे पार आयोजित होने वाला टेस्ट मैच खतरे में आ सकता है।
पहली पारी में भारत के 443/7 के स्कोर के बाद क्यूरेटर डेविड तो दुआ कर रहे थे कि ऑस्ट्रेलिया जल्दी आउट हो जाए, ताकि उनकी नौकरी भी बनी रहे और मेलबर्न की साख भी बची रहे। डेविड की यह दुआ कुबूल हो गई और न केवल ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ आउट हुए बल्कि भारत की दूसरी पारी भी 106 रन तक 8 विकेट खो चुकी थी। चलो पिच क्यूरेटर की नौकरी तो बची।