नस्लभेद के आरोपों के चलते माइकल वॉन ने परिवार की सुरक्षा के लिए छोड़ी कमेंट्री

माइकल वॉन ने BCC की कमेंट्री पैनल से हटने की जानकारी ट्विटर पर दी।

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Michael Vaughan. (Photo Source: Getty Images)

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और कमेंटेटर माइकल वॉन ने नस्लवाद के मामले में शामिल होने पर मिली प्रतिक्रिया के बाद BCC की कमेंट्री पैनल से हटने का फैसला किया है। माइकल वॉन अक्सर अपनी विवादास्पद टिपण्णीयों के चलते खबरों में रहते हैं, और इस बार तो उन्हें नस्लभेद के आरोपों के चलते अस्थाई रूप से कमेंट्री छोड़ना पड़ा।

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दरअसल, पाकिस्तानी मूल के क्रिकेटर अजीम रफीक और माइकल वॉन दोनों एक-साथ यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब के लिए खेला करते थे, और इस दौरान साल 2009 में पूर्व कप्तान ने ब्रिटिश-एशियाई क्रिकेटर पर शर्मनाक नस्लवादी टिप्पणी की थी। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने सभी आरोपों का खंडन किया, लेकिन साथ ही कुछ समय के लिए कमेंट्री से भी दूर रहने का फैसला किया।

माइकल वॉन ने परिवार की सुरक्षा के लिए छोड़ी कमेंट्री

आपको बता दें, वॉन यॉर्कशायर के सात क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन पर इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के क्रिकेट अनुशासन आयोग ने कथित नस्लवादी टिप्पणियों से खेल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया था। अजीम रफीक ने खुलासा किया कि वॉन एशियाई खिलाड़ियों को नस्लवादी गालियां देने वाले अपराधियों में से एक है, और उसने साल 2009 में अपने अंग्रेजी साथियों से कहा था कि “तुम्हारे जैसे (एशियाई) यहां काफी लोग है, हमें इसके बारे में कुछ न कुछ करना होगा।” हालांकि, वॉन ने इन दावों को अस्वीकार किया है।

इस बीच, माइकल वॉन ने BCC की कमेंट्री पैनल से हटने का फैसला किया है, और इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा: “मैंने कई बार वाईसीसीसी से संबंधित मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं। फिलहाल, मैदान के बाहर जो कुछ भी हो रहा है, उससे मेरे कमेंट्री कर्तव्यों में बाधा आ रही है, इसलिए मैंने अस्थाई रूप से बीबीसी के साथ अपने पद से हटने का फैसला किया है।”

पूर्व कप्तान ने आगे कहा: “मेरे इस फैसले का मुख्य कारण मेरा परिवार और उनकी भलाई है। मैं उन्हें इस मुद्दे से पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहता हूं। मुझे लगता है कि मेरा अस्थायी रूप से कमेंट्री से पीछे हटना खेल के हित में है, और मुझे आशा है कि मेरे इस फैसले से मेरे सहयोगियों की परेशानी कम होगी।”

 

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