टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता दुनिया भर में लगातार गिरते ही जा रही है, जिसको देखते हुए क्रिकेट के शुद्धतम प्रारूप में नई जान डालने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप में पिंक-बॉल या डे-नाईट मैचों की पेशकश की है।
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हालांकि, पिंक-बॉल टेस्ट मैच लगातार नहीं खेले जाते, लेकिन कोशिश की जाती हैं कि कम से कम एक डे-नाईट टेस्ट मैच हर टेस्ट सीरीज के दौरान खेला जाए। यह फार्मूला काफी हद तक सफल हो रहा है, इसलिए पिंक बॉल क्रिकेट को टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है।
आपको बता दें, साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच पहला पिंक-बॉल टेस्ट खेला गया था, जिसके बाद से डे-नाईट टेस्ट को लेकर रोमांच में बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद खेल के कई दिग्गजों ने पिंक-बॉल टेस्ट मैचों का समर्थ किया है, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन इसके विरुद्ध है।
मोहम्मद अजहरुद्दीन टेस्ट क्रिकेट में किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं है
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने साफ तौर पर कहा है कि वह पिंक-बॉल टेस्ट के बहुत बड़े प्रशंसक नहीं है, और उनका मानना हैं कि टेस्ट क्रिकेट को लाल गेंद से ही खेला जाना चाहिए। वह क्रिकेट के शुद्धतम प्रारूप में किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं है। उनके हिसाब पुरानी परंपरा को जारी रखना चाहिए।
स्पोर्ट्स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद अजहरुद्दीनने कहा: “मुझे नहीं पता कि लोग टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए क्यों डरते हैं। हालांकि टेस्ट मैचों की संख्या कम हो गई है, लेकिन आपको परिणाम मिल रहे हैं। मैं पिंक-बॉल टेस्ट क्रिकेट का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं। टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद से खेला जाना चाहिए। यह लंबे वक्त से चली आ रही परंपरा है, और मेरी राय में इसे बरकरार रखा जाना चाहिए। मुझे पता हैं कि पिंक-बॉल टेस्ट से अच्छे परिणाम आ रहे है, लेकिन खिलाड़ियों ने इसे लेकर पहले भी शिकायत कर चुके हैं।”
आपको बता दें, भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2019 में कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला पिंक-बॉल टेस्ट मैच खेला था। टीम इंडिया ने अब तक चार डे-नाईट टेस्ट (बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और श्रीलंका के खिलाफ) मैच खेले है। भारत को केवल ऑस्ट्रेलिया में शिकस्त झेलनी पड़ी, जबकि अपनी धरती पर टीम ने तीनों पिंक-बॉल टेस्ट मुकाबले जीते हैं।