पाकिस्तान के विकेटकीपर-बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के डॉक्टर नजीबुल्लाह सूमरो ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पिछले साल के टी-20 विश्व कप के दौरान दाएं हाथ के बल्लेबाज को प्रतिबंधित दवाई दी गई थी। बता दें कि रिजवान टूर्नामेंट में गंभीर छाती के संक्रमण से पीड़ित थे और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले उन्हें आईसीयू में भी भर्ती कराया गया था।
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आश्चर्यजनक रूप से, रिजवान न केवल समय पर ठीक हो गए बल्कि उन्होंने नॉक-आउट मैच में एक बेहतरीन पारी भी खेली। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने 52 गेंदों में 67 रन बनाए। हालांकि वो पारी पाकिस्तान टीम के काम नहीं आई क्योंकि ऑस्ट्रेलिया उस मैच को पांच विकेट से अपने नाम करने में कामयाब रहा। इस बीच डॉक्टर सूमरो ने अब खुलासा किया है कि उनके पास रिजवान को ठीक करने के लिए प्रतिबंधित दवाई देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
पीसीबी के डॉक्टर ने मोहम्मद रिजवान को लेकर किया बड़ा खुलासा
हाल ही में मोहम्मद रिजवान का इंटरव्यू लेते समय डॉक्टर नजीबुल्लाह सूमरो ने कहा कि, “आप सांस लेने में असमर्थ थे और आपके ठीक होने में मदद करने के लिए उस दवा को इंजेक्ट करने के लिए मुझे ICC से अनुमति लेनी होगी। आमतौर पर यह एथलीटों के लिए प्रतिबंधित है लेकिन चूंकि कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं था, इसलिए हमें उस दवा को इंजेक्ट करने के लिए आईसीसी से अनुमति लेनी पड़ी।”
मेडियोर अस्पताल में विशेषज्ञ पल्मोनोलॉजिस्ट, साहिर साइनालाबदीन ने रिजवान का इलाज किया और विकेटकीपर जितनी जल्दी रिकवर हुए उसे देखकर, वह चकित थे। उन्होंने कहा कि, “रिजवान की महत्वपूर्ण नॉकआउट मैच में अपने देश के लिए खेलने के लिए बेहद इच्छुक थे। वह दृढ़ निश्चयी और आत्मविश्वासी था। उन्होंने जिस रफ्तार से रिकवरी की, उससे मैं हैरान हूं। जब वो हॉस्पिटल में आए उस वक्त वो काफी ज्यादा दर्द में थे।”
डॉक्टर सहिर ने कहा कि, “एसोफेगल स्पैम अचानक और गंभीर सीने में दर्द की तरह महसूस कर सकता है जो कुछ मिनटों से घंटों तक रहता है। रिजवान को गंभीर संक्रमण था। सेमीफाइनल से पहले रिकवरी और फिटनेस हासिल करना नमुमकिन लग रहा था। किसी को भी ठीक होने में आमतौर पर 5-7 दिन लगते।”