पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट जगत के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। धोनी एक तेज-तर्रार बल्लेबाज और चालाक कप्तान के अलावा स्टंप के पीछे भी काफी तेज थे। विकेटकीपर धोनी स्टंप के पीछे बिजली से भी तेज माने जाते थे। उनकी विकेटकीपिंग को अपरंपरागत कहा जाता था लेकिन वो इस तरह की विकेटकीपिंग से काफी प्रभावशाली दिखे थे।
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महेंद्र सिंह धोनी ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2019 वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में खेला था और पिछले साल उन्होंने क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था। हालांकि, धोनी अभी भी आईपीएल में CSK के लिए खेल रहे हैं। अपने संन्यास के बाद धोनी ने बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं किया है लेकिन वो विकेट के पीछे बल्लेबाज को अपनी कीपिंग से परेशान करते रहे हैं।
धोनी के विकेटकीपिंग के मुरीद हैं रवि शास्त्री
धोनी के विकेटकीपिंग कौशल की तारीफ करते हुए टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने अपनी नई किताब stargazing में लिखा है कि, “एमएस धोनी एक अलग तरह के खिलाड़ी थे। विकेट के सामने और विकेट के पीछे उनकी तकनीक किसी के लिए भी समझना आसान नहीं होगा। युवा क्रिकेटरों के लिए मेरा सुझाव यही रहेगा कि वो धोनी की विकेटकीपिंग की नकल करने की कोशिश ना करें क्योंकि उनके पास स्किल प्राकृतिक थी और धोनी को जिस चीज ने इतना सफल बनाया, वो उनके शानदार हाथ थे। उनके हाथ जेबकतरे से भी ज्यादा तेज थे।”
धोनी अपनी चतुर कप्तानी के लिए भी जाने जाते थे। चाहे गेंदबाज को बदलना हो या फील्ड को सेट करना, एमएस धोनी हर कला में पूरे निपुण थे। धोनी मैच की स्थिति को पढ़कर हर वक्त सटीक निर्णय लेने भी माहिर थे। मैच में जब DRS लेने की बात होती थी तो वहां भी धोनी ने शानदार प्रदर्शन किया है और उनके इसी कौशल की सराहना टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने भी की है। शास्त्री ने लिखा कि, “धोनी मैच के हालात को पढ़ने में बहुत तेज थे। जब भी खेल की स्थिति को देखते हुए अहम निर्णय लेना होता था, उसमें ये खिलाड़ी माहिर था।”
विकेट के पीछे धोनी का रिकॉर्ड
*एमएस धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में 256 खिलाड़ियों का कैच पकड़ा था और 38 बल्लेबाजों को स्टंप आउट किया था। *350 वनडे मैचों में माही के नाम 321 कैच और 123 स्टंपिंग दर्ज हैं। *वहीं, उन्होंने अपने करियर में 98 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और उसमें धोनी ने 57 कैच पकड़े थे और 34 स्टंपिंग किया था।