2011 वनडे वर्ल्ड कप को याद करते हुए पैडी अप्टन ने महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह की तुलना कर कह दी बड़ी बात

2011 वनडे वर्ल्ड कप के दौरन भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने 91 रनों की नाबाद मैच विनिंग पारी खेली थी।

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MS Dhoni. (Photo Source: Getty Images)

भारतीय टीम ने वर्ष 2011 वनडे वर्ल्ड कप को अपने नाम करते हुए दूसरी बार इस खिताब अपने नाम किया था। श्रीलंका के खिलाफ 2011 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल मैच को कोई भी प्रशंसक भूल नहीं सकता है। उस मैच में पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी मैच विनिंग पारी से इतिहास रच दिया था। वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 275 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने अपने दो सलामी दिग्गज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को जल्दी खो दिया था जिससे भारतीय टीम पर दबाव साफतौर पर दिख रहा था।

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सलामी बल्लेबाजों के विकेट जल्दी गंवाने के बाद गंभीर और कोहली ने मिलकर टीम की पारी को संभालने का काम किया। जिसके बाद कोहली का विकेट गिरने के बाद मैदान पर सभी को युवराज सिंह के आने की उम्मीद थी, जो पूरे टूर्नामेंट के दौरान सबसे शानदार फॉर्म में थे। लेकिन धोनी ने सभी को चौंकाते हुए खुद जाने का फैसला किया।

शुरू में यह फैसला किसी भी भारतीय प्रशंसक को समझ नहीं आया लेकिन मैच आगे बढ़ने के साथ जिस तरह से धोनी ने गंभीर के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया वहीं टीम की जीत को भी एक तरह से पक्का कर दिया। गंभीर भले ही 97 रनों की पारी खेलन के बाद पवेलियन लौट गए लेकिन धोनी ने इसके बाद युवराज सिंह के साथ मिलकर टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाकर वापस लौटे।

वहीं अब भारतीय टीम के पूर्व मेंटल कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप को याद करते हए टिप्पणी की है। उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान महेंद्र सिंह धोनी के युवराज सिंह से ऊपर बल्लेबाजी करने के निर्णय को लेकर खुलकर बात की है और बताया कि धोनी बड़े दबाव में खेलने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं।

“एमएस धोनी वही करेंगे जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं”- पैडी अप्टन

पैडी अप्टन ने इंडियन एक्सप्रेस के अपने कॉलम में लिखा “महेंद्र सिंह धोनी वही करेंगे जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। धोनी हमेशा वह करेंगे जो किसी भी स्कोर का पीछा करने के लिए सबसे अच्छा किया जा सकता है। उन्होंने 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल से पहले मैचों में टीम के लिए कुछ खास नहीं किया था जबकि युवराज टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन वह पल धोनी जैसे खिलाड़ी के लिए तय किया गया था क्योंकि दुनिया में ऐसे काफी कम खिलाड़ी हैं जो इस बेहद दबाव वाले समय को झेलने की क्षमता रखते हैं और धोनी उनमें से एक हैं, युवराज ऐसे नहीं हैं।”

आपको बता दें, 2011 वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने 114 रनों पर अपने तीन विकेट गवां दिए थे जिसके बाद श्रीलंका की टीम काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही थी। युवराज सिंह को बल्लेबाजी करने आना था लेकिन धोनी ने खुद जिम्मेदारी ली और गौतम गंभीर का साथ देने मैदान पर आ गए। एमएस धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी खेली और वनडे वर्ल्ड कप का दूसरा खिताब भारत के नाम कर दिया।

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