भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी वनडे में भारतीय टीम को 34 रनों से हार का सामना करना पड़ा। मैच के शतकवीर रोहित शर्मा ने एक छोर देर तक थामे रखा लेकिन दूसरे छोर पर महेंद्र सिंह धोनी (51) के अलावा अन्य कोई बल्लेबाज़ उनका साथ न दे सका।
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भारतीय टीम के इस मैच में हार का कारण शिखर धवन, विराट कोहली और अंबाती रायडू जैसे शीर्षक्रम के बल्लेबाज़ों की असफलता रही। सिडनी में 289 रनों के लक्ष्य का पीछ करना इतना मुश्किल भी नहीं था, लेकिन भारतीय टीम ने जल्दी विएक्ट गंवाए जिससे वह मैच के अंत तक उबर न सकी। अगर अंतिम ओवरों में भुवनेश्वर कुमार ने हाथ नहीं दिखाए होते तो शायद भारतीय टीम की हार का अंतर और भे अधिक होता।
हालांकि रोहित और धोनी के बीच चौथे विकेट के लिए साझेदारी हुई, लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाज़ अपना काम ठीक से नहीं कर पाए। धोनी ने 96 गेंदों पर 51 रन बनाए लेकिन उनकी यह पारी बोझिल रही और अधिकतर समय वे गेंद को बल्ले के बीचों-बीच नहीं ले पाए। धोनी को इस वनडे सीरीज़ मे शामिल तो किया गया लेकिन उनके परफॉर्मेंस को देखकर इस बात का अहसास हुआ कि धोनी अपने असली रूप में नहीं हैं।
धोनी से थीं उम्मीद : एक मैच विजेता खिलाड़ी रहे हैं और उनसे फैंस को उम्मीद रहती है कि वे जब मैदान में हों तो काम पूरा होना चाहिए। लेकिन सिडनी वनडे में धोनी ने विकेट पर जमने में बहुत समय लिया और जब लगा कि वे जम गए हैं तो वे आउट हो गए। कुल मिलाकर फैंस को यह लगा कि धोने रंग में नहीं हैं और इसी समय पंत को भी मिस किया गया।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और कॉमेंटेटर माइकल वॉन ने भी ट्वीट करके कहा कि पंत को निर्विवाद रूप से भारतीय टीम में होना चाहिए। उन्होंने यहां तक कह डाला कि पंत को भले ही बतौर बल्लेबाज़ ही क्यों ना शमिल करना पड़े, उन्हें शामिल करना चाहिए।
Without question @RishabPant777 has to be in this Indian ODI team .. !! #AUSvIND .. Even if he plays just as a Batsman ..
देखना दिलचस्प होगा कि पंत को आने वाले वनडे टीम में किस तरह एडजस्ट किया जाता है और ऐसा होता है तो धोनी या दिनेश कार्तिक का क्या होता है। वैसे कार्तिक पिछ्ले कुछ समय से भारतीय टीम में बतौर बल्लेबाज़ खेल रहे हैं।