इंग्लैंड के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज ने भारतीय कप्तान विराट कोहली को बताया सबसे ज्यादा अपशब्द कहने वाला खिलाड़ी
लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ियों की बीच मैदान पर काफी बहस देखने को मिली थी।
CricTracker जूनियर स्टाफ लेखिका
अद्यतन - अगस्त 19, 2021 6:33 अपराह्न
भारतीय टीम को लॉर्ड्स के मैदान पर मिली 151 रनों की जीत के अलावा इस मैच में एक और घटना की चर्चा सबसे ज्यादा क्रिकेट जगत में देखने को मिल रही है। दरअसल, इस मैच में दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच कई बार बहस देखने को मिली जिसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली सबसे आगे दिखे और अपने खिलाड़ियों के साथ पूरी तरह से खड़े रहे।
अब इसी पर इंग्लैंड टीम के पूर्व खिलाड़ी और ओपनिंग बल्लेबाज निक कॉम्पटन ने ट्वीट के जरिए भारतीय कप्तान कोहली की आलोचना करते हुए लिखा कि वह सबसे ज्यादा अपशब्दों का प्रयोग करने वाले खिलाड़ी हैं। लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान स्लेजिंग की शुरुआत उस समय देखने को मिली जब तीसरे दिन के खेल में जेम्स एंडरसन के खिलाफ जसप्रीत बुमराह ने लगातार बाउंसर गेंदों का इस्तेमाल किया जिसके बाद एंडरसन जब आउट हुए तो उन्होंने पवेलियन जाते समय गुस्से में बुमराह से कुछ अपशब्द कह दिए।
अब जब भारतीय टीम की दूसरी पारी में बुमराह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे तो इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने उनसे बदला लेने का सोचा और वहीं से स्लेजिंग का दौर खेल के 5वें दिन देखने को मिला। हालांकि, इंग्लैंड टीम का यह दांव पूरी तरह से गलत साबित हुआ और बुमराह ने शमी के साथ मिलकर 9वें विकेट के लिए 89 रनों की साझेदारी करते हुए भारतीय टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया था।
मेरे खिलाफ साल 2012 में जिस तरह से अपशब्दों का प्रयोग हुआ उसे नहीं भूल सकता
अब इस टेस्ट मैच के खत्म होने के 2 दिन बाद निक कॉम्पटन ने ट्वीट करते हुए यह दावा किया है कि उन्हें साल 2012 में इंग्लैंड टीम के भारत दौरे के दौरान काफी अपशब्दों को सुनना पड़ा था। इसमें उन्होंने विराट कोहली का नाम लिया जो इसमें सबसे आगे थे। हालांकि, कॉम्पटन ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा कि जो रूट, सचिन तेंदुलकर और केन विलियमसन जैसे खिलाड़ी बहुत शांत हैं और इन सभी चीजों से काफी दूर रहते हैं।
निक कॉम्पटन ने अपने ट्वीट में लिखा कि, क्या कोहली सबसे ज्यादा बदतमीजी करने वाले व्यक्ति नहीं हैं। मैं 2012 में मिली गालियों की बौछार को कभी नहीं भूलूंगा। मैं उस समय स्तब्ध हो गया था क्योंकि उन्होंने सारी हदें पार कर दी थीं। ये इस बात का गवाह है कि जो रूट, सचिन तेंदुलकर और केन विलियमसन कितने शांत स्वभाव के शख्स हैं।