भारतीय क्रिकेट में इस समय एक अलग तरह का बवाल अचानक देखने को मिल रहा है, जिसके चलते दुनिया सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। जिस समय से विराट कोहली को वनडे की कप्तानी पद से हटाए जाने का फैसला लिया गया उसके बाद से लगातार कई बयान देखने को मिले हैं।
Advertisement
Advertisement
दरअसल दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए जिस समय भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान किया जाना था, उससे ठीक पहले BCCI ने अपने एक ट्वीट से सभी को चौंकाते हुए विराट कोहली को वनडे की कप्तानी पद से हटाने के अपने फैसले के बारे में जानकारी दी। वहीं इस दौरे पर रवाना होने से पहले 33 साल के कोहली ने अपने बयान में कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को उनके टी-20 फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ने के फैसले से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी।
विराट कोहली का यह बयान BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के कुछ दिन पहले इसी मुद्दे को लेकर दिए गए बयान से पूरी तरह विपरीत होने की वजह से एक नया बवाल अब देखने को मिल रहा है। क्योंकि सौरव गांगुली ने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने विराट को टी-20 फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ने से मना किया था। जिसके बाद कोहली का बयान सामने आने के बाद गांगुली को काफी ज्यादा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
अब इस पूरे मामले को लेकर जब सौरव गांगुली से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि, मैं अभी इस पर कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं क्योंकि BCCI की तरफ से इस पूरे मामले को देखा जा रहा है।
In a first reaction to the Virat Kohli controversy, BCCI President Sourav Ganguly says, “no comments. BCCI is looking into it.”
इस पूरे मामले को लेकर लगातार अब कई लोगों के बयान सामने आ रहे हैं, जिसमें विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने कोहली और BCCI के बीच में चल रही खीचतान को लेकर कहा कि कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए। वहीं शर्मा ने अपने बयान में यह भी कहा कि खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच पारदर्शिता होनी चाहिए।
राजकुमार शर्मा ने अपने बयान में कहा कि, यह काफी अजीबोगरीब है जो कुछ भी मुझे सुनने को मिल रहा है। मैने कभी विराट को इस तरह की पत्रकार वार्ता को नहीं देखा। मेरे अनुसार किसी तरह का कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए, मुझे नहीं पता कि यह सबकुछ आखिर क्यों हो रहा है, लेकिन इसमें साफतौर पर कम्युनिकेशन की कमी दिखाई दे रही है।