आकाश चोपड़ा ने T20I और ODI क्रिकेट को लेकर रवि शास्त्री पर किया कटाक्ष - क्रिकट्रैकर हिंदी

आकाश चोपड़ा ने T20I और ODI क्रिकेट को लेकर रवि शास्त्री पर किया कटाक्ष

क्या वनडे क्रिकेट सबसे बोरिंग प्रारूप हैं?

Aakash Chopra. (Photo Source: Facebook)
Aakash Chopra. (Photo Source: Facebook)

भारत के पूर्व बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि टी-20 अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय सीरीज को खत्म करने के बजाय वनडे क्रिकेट में बदलाव किया जाना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री के टी-20 अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय सीरीज को समाप्त करने और केवल फ्रेंचाइजी क्रिकेट और टी-20 वर्ल्ड कप के साथ आगे बढ़ने के सुझाव देने के बाद आई।

हालांकि, आकाश चोपड़ा और रवि शास्त्री की सोच बिल्कुल विपरीत हैं, क्योंकि पूर्व बल्लेबाज का मानना है कि इस समय टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघर्ष नहीं कर रहा है, बल्कि वनडे क्रिकेट सबसे अर्थहीन प्रारूप है। पूर्व बल्लेबाज ने कहा न तो प्रसारकों और ना ही प्रशंसकों को वनडे मैच देखने में मजा आता है, जबकि रवि शास्त्री ने हाल ही में कहा था कि द्विपक्षीय टी-20 टूर्नामेंट कब हुए थे ये किसी को याद भी नहीं है।

वनडे क्रिकेट सबसे बोरिंग प्रारूप है: आकाश चोपड़ा

आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा: “यदि आप प्रसारकों और प्रशंसकों की रुचि पर नजर डालेंगे तो, टेस्ट क्रिकेट को छोड़कर, मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट सबसे बोरिंग, उबा देने वाला प्रारूप है। वनडे क्रिकेट सबसे अर्थहीन है, यह क्रिकेट का वह प्रारूप है, जिसे कोई याद नहीं रखता है।

मुझे लगता है कि टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, नहीं बल्कि वनडे क्रिकेट संघर्ष कर रहा है। मेरे हिसाब से टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों को जारी रहने देना चाहिए, क्योंकि ब्रॉडकास्टरों को इस प्रारूप की जरूरत हैं, अन्यथा वे आपको पैसे नहीं देंगे। अगर टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों को बंद करा दिया गया, तो पैसे आने का सबसे बड़ा साधन समाप्त हो जाएगा और क्रिकेट के विकास के लिए पैसो का आते रहना बहुत जरूरी है।”

आकाश चोपड़ा ने अंत में कहा: “मुझे लगता है कि टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने जारी रखें जाने चाहिए, क्योंकि अगर टीमें दो साल में सिर्फ एक बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टी-20 क्रिकेट खेलेंगे, तो वर्ल्ड कप के लिए उनकी तैयारी कैसे हो पाएगी।” जबकि रवि शास्त्री ने कहा थे टी-20 अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय टूर्नामेंट कब हुए थे, उन्हें याद ही नहीं हैं।

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