पहले एशेज टेस्ट में नौ विकेट से हारने के बाद इंग्लैंड एडिलेड ओवल में चल रहे दूसरे टेस्ट में एक बार फिर खुद को मुश्किल में नजर आ रहा है। टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 473 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की। जवाब में इंग्लैंड के बल्लेबाज ज्यादा कुछ नहीं कर पाए और पहली पारी में 236 रनों पर ऑलआउट हो गए। जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली पारी में 237 रनों की भारी बढ़त मिल गई।
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इस बीच टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने एक ऐसा कदम उठाया जिससे साफ पता चल रहा था कि इंग्लिश टीम इस टेस्ट मैच में भी पूरी तरह से बैकफूट पर है। दरअसल इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन एक समय अपनी नियमित तेज गेंदबाजी को छोड़कर ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने लगे। उनका ऑफ स्पिन गेंदबाजी करना साफ दर्शा रहा था कि इंग्लैंड की टीम पूरी डिफेंसिव मानसिकता के साथ खेल रही है।
रॉबिन्सन को आखिर क्यों करनी पड़ी स्पिन गेंदबाजी
दरअसल मैच के 35वें ओवर में ओली रॉबिन्सन को ऑफ स्पिन करते हुए देखा गया, उन्होंने तेज गेंदबाजी छोड़कर 3 ओवर ऑफ स्पिन गेंदबाजी की जो अब बड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है। अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर उन्हें स्पिन गेंदबाजी क्यों करनी पड़ी ?
ब्रिस्बेन में गाबा में शुरुआती गेम के दौरान धीमी ओवर-रेट के कारण इंग्लैंड को आठ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप अंक (WTC) और उनकी मैच फीस का 100% डॉक किया गया था। अधिक दिलचस्प बात यह है कि इस पिंक बॉल टेस्ट मैच में मेहमान टीम पांच तेज गेंदबाजों के साथ उतरी, उनकी टीम में जो रूट के अलावा कोई ऐसा गेंदबाज नहीं है जो स्पिन गेंदबाजी कर सके।
यह फैसला कुछ हद तक सही था क्योंकि बाएं हाथ के स्पिनर जैक लीच ने शुरुआती टेस्ट में खराब प्रदर्शन किया। हालांकि, पांच तेज गेंदबाजों के साथ उतरने के फैसले का मतलब था कि डब्ल्यूटीसी अंक खोने का जोखिम और भी अधिक हो गया। तेज गेंदबाजों द्वारा लिए गए समय की भरपाई करने के लिए कप्तान जो रूट ने अपने ऑफ-स्पिन के साथ उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन किया। इसी वजह से शायद रॉबिन्सन को भी स्पिन गेंदबाजी करना पड़ा।