वनडे क्रिकेट में शिखर धवन के प्रदर्शन को लेकर संजय मांजरेकर ने कही बड़ी बात
शिखर धवन दूसरे वनडे में 26 गेंदों पर केवल 9 रन बनाकर आउट हुए और भारत को 100 रनों की शिकस्त झेलनी पड़ी।
अद्यतन - जुलाई 15, 2022 10:21 पूर्वाह्न
भारत के पूर्व बल्लेबाज और क्रिकेट कमेंटेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि वनडे क्रिकेट शिखर धवन को सबसे अधिक सूट करता है, और सलामी बल्लेबाज अब तक खेल के इस प्रारूप में बल्ले के साथ उत्कृष्ट रहे हैं। क्रिकेट पंडित को इस बात की भी बहुत खुशी है कि भारतीय चयनकर्ताओं ने शिखर धवन पर विश्वास दिखाया और उन्हें इस प्रारूप में लगातार मौके दे रहे हैं।
शिखर धवन ने आखिरी बार साल 2021 में टीम इंडिया के लिए T20I और साल 2018 में टेस्ट मैच खेला था। वह फिलहाल भारत के लिए केवल वनडे क्रिकेट में खेलते हैं। अनुभवी सलामी बल्लेबाज वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ इंग्लैंड दौरे पर है, जहां उन्होंने पहले वनडे में अपनी टीम की 10 विकेट की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। धवन (34*) ने रोहित शर्मा के साथ पहले विकेट के लिए नाबाद 114 रनों की साझेदारी की थी।
शिखर धवन अब भी वनडे टीम का महत्वपूर्ण अंग है: संजय मांजरेकर
संजय मांजरेकर ने स्पोर्ट्स18 के शो स्पोर्ट्स ओवर द टॉप पर कहा: “शिखर धवन इस समय केवल भारत की वनडे टीम का हिस्सा है, और वह इस प्रारूप में टिके रह सकते हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प बात ये हैं कि अगर आप उनके करियर को शुरू से अब तक देखे तो उनका प्रदर्शन वनडे क्रिकेट में हमेशा शानदार रहा है। मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट एक ऐसा प्रारूप है जो शिखर को सबसे ज्यादा सूट करता है, और वह इस प्रारूप में हमेशा उत्कृष्ट रहा है। मुझे बहुत खुशी है कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने शिखर पर भरोसा दिखाया और खुद को याद दिलाया कि वह अभी भी 50 ओवरों के क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। उन्हें शीर्ष पर देखना बेहद शानदार है।”
उन्होंने आगे कहा: “मुझे खुशी है कि शिखर धवन ने उन्हें मिले सभी अवसरों का इस साल अच्छे से फायदा उठाया और रन बनाए (उन्होंने 2022 में अब तक 6 वनडे खेले हैं, और 220 के करीब रन बनाए हैं)। मुझे उम्मीद है कि वह इस तरह की महत्वपूर्ण पारियां खेलते रहेंगे, क्योंकि रोहित शर्मा उनके आसपास होंगे। वह अच्छा खेल रहा है, और मेरा मानना है कि सभी प्रारूपों में शीर्ष क्रम में बाएं-हाथ और दाएं-हाथ का संयोजन बेहतरीन होता है।
यदि आप शिखर धवन की फिटनेस की बात करे, तो वह मैदान पर बिल्कुल भी 36 वर्ष का खिलाड़ी नहीं लगता है। वह हमेशा अपनी फिटनेस की बहुत परवाह करता है, और सुनिश्चित करता है कि वह हमेशा फिट और फाइन रहे, और केवल अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देता है। अगर आप घरेलू लीग में उनके प्रदर्शन को देखें, तो मुझे लगता है कि उनकी बल्लेबाजी का ग्राफ उम्र के साथ-साथ केवल ऊपर ही गया है।”