चेन्नई और राजस्थान की टीमों को आईपीएल नीलामी में मिलने वाले इस लाभ से बाकी फ्रेंचाइजीयों में नाराजगी

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Chennai Super Kings. (Photo Source: Twitter)

इंडियन प्रीमियर लीग शुरू होने में अभी काफी समय बचा है लेकिन अगले महीने होने वाली नीलमी प्रक्रिया के लिए सभी फ्रेंचाइजीयों के बीच में काफी पशोपेश की स्थिती देखने को मिल रही है कि उन्हें किस खिलाड़ी को रिटेन करना है और किसे नहीं. इस बार आईपीएल में दो साल बैन के बाद वापसी करने वाली चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने रिटेशन पालिसी में जो छूट दी है उससे बाकी फ्रेंचाइजी नाराज दिख रही है.

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2015 वाले खिलाड़ियों को रिटेन कर सकते

चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दो साल के लिए बैन कर दिया गया था जिसके बाद आईपीएल में दो नयी टीमों को शामिल किया गया था, जिसमे राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स और गुजरात लायंस आयीं थी और इसी में इन दोनों टीम के खिलाड़ी शामिल किये गए थे जिसके बाद अब दोनों ही टीमों की वापसी होने के बाद इनको वापस वही खिलाड़ी रिटेन करने का विकल्प मिल रहा है जो 2015 में टीम के साथ शामिल थे और यही बात बाकी फ्रेंचाइजीयों को ठीक नहीं लग रहा है.

पक्षपात पूर्ण निर्णय

दी टेलीग्राफ के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार “हर खिलाड़ी को नीलामी में जाना चाहिए. एक साधारण सी बात है जब कोई टीम पिछले दो साल से आईपीएल में नहीं खेली है तो किस आधार पर उसे 2015 के खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति मिल सकती है. आईपीएल गवर्निंग काउंसिल का ये नियम पक्षपात पूर्ण है.

केकेआर गंभीर को लेकर संशय में

आईपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स टीम की कमान सँभालने वाले गौतम गंभीर को लेकर टीम मैनेजमेंट संशय की स्थिति में है. 2011 से टीम की कमान सँभालने के बाद गंभीर ने दो बार टीम की आईपीएल का ख़िताब दिलवाया है लेकिन पिछले कुछ समय से उनके फॉर्म को देखते हुए मैनेजमेंट तय नहीं कर पा रहा है कि उन्हें इस सीजन रिटेन करना चाहिए या नहीं.

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