“पैरेंट और कोच दोनों बनना मुश्किल है….”- अपने बेटे से जुड़े सवाल पर राहुल द्रविड़ ने क्यों दिया ऐसा बयान

समित द्रविड़ ने कूच बिहार ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया

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Rahul Dravid Samit Dravid (Photo Source: X/Twitter)

अफगानिस्तान के खिलाफ पहले टी-20 मैच में जीत के बाद हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid)  ने टीम के प्रदर्शन को लेकर बात की। हालांकि, इसी दौरान उन्होंने अपने बेटे समित (Samit Dravid) को कोचिंग देने के सवाल पर थोड़ा गोल-गोल घुमाने का प्रयास किया।

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बता दें कि राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के बेटे ने जूनियर स्तर के क्रिकेट में सनसनीखेज प्रदर्शन किया है, जिसके कारण वह सुर्खियों में आए। 18 वर्षीय समित द्रविड़ (Samit Dravid) ने कर्नाटक को कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पैरेंट और कोच बनना मुश्किल है- राहुल द्रविड़

इस ऑलराउंडर ने 7 मैचों में 37.78 की औसत से 370 रन बनाए हैं, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने टूर्नामेंट में तीन विकेट भी लिए हैं। हाल ही में अपने बेटे को कोचिंग देने के सवाल पर राहुल द्रविड़ ने कहा कि, वे बेटे को कोचिंग नहीं देते, क्योंकि पैरेंट और कोच एक साथ रहना मुश्किल है।

उन्होंने जियो सिनेमा पर बात करते हुए कहा, समित (Samit) को कोचिंग करने की कोशिश ही नहीं करता हूं। पैरेंट और कोच बनना मुश्किल है। मैं बस पैरेंट्स रहने की कोशिश कर रहा हूं। उसमें भी पता नहीं मैं क्या कर रहा हूं।

आगे उन्होंने टीम में बाएं हाथ के बल्लेबाजों की भरमार पर बोलते हुए कहा, रिंकू सिंह, यशस्वी जायसवाल और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ियों के आने से एक अच्छी कड़ी बनी है। लेकिन अंत में, हम प्रदर्शन के आधार पर सेलेक्शन करते हैं, न कि केवल बाएं-दाएं हाथ के बल्लेबाज के आधार पर।

हेड कोच ने ये भी कहा कि हमारे पास अभी भी लाइन-अप में बाएं हाथ के प्लेयर हैं। लेकिन यह सिर्फ बाएं हाथ के प्लेयर्स के बारे में नहीं है, बल्कि एक अवधि के दौरान खेलने की क्षमता और विभिन्न प्रकार के स्पिन से निपटने में सक्षम होना है।

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