सामने आयीं वजह क्यों आईपीएल में विज्ञापन नहीं करना चाहती बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजली आयुर्वेद

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Acharya Balkrishna, MD of Patanjali Ayurved and Baba Ramdev, co-founder of Patanjali Ayurved. (Photo Source: Twitter)

इंडियन प्रीमियर लीग ने पिछले 10 सालों में जिस तरह से पूरे भारत में नही बल्कि दुनियां भर के क्रिकेट फैन्स के दिलों में अपनी जगह को बनाया है उसके बाद हर कोई आईपीएल से किसी ना किसी तरीके से जुड़ना चाहता है. इस इवेंट का लाभ लेकर कई ब्रांड्स अपना विज्ञापन आईपीएल में दिखाकर इसकी लोकप्रियता का लाभ उठाते है जिससे उनको बिजनेस में काफी लाभ भी होता है, लेकिन अभी तक एक ब्रांड ने आईपीएल के किसी भी सीजन में अपना विज्ञापन नहीं किया है और वह इस समय भारतीय बाज़ार की सबसे कंपनी उभरकर सामने आन वाली पतंजलि आयुर्वेद है.

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विदेशी खेल में पैसा नहीं लगाना

पिछले 10 सालों में इस टी-20 लीग से काफी सारे विदेशी खिलाड़ी खेल चुके लेकिन हरिद्वार की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद जिसे बाबा रामदेव की कपंनी के रूप में पहचाना जाता है जिसके वे खुद ब्रांड अम्बेसडर है उन्होंने आईपीएल में विज्ञापन करने से साफ़ तौर पर मना कर दिया है जिसकी पीछे उन्होंने इस खेल को विदेशियों का खेल करार दे दिया और वे ऐसे खेल में पैसा लगाएंगे जो भारतीय संस्कृति को प्रमोट करता हो.

आईपीएल मल्टीनेशनल कंपनियों का खेल

पतंजलि आयुर्वेद के चीफ एग्जीक्यूटिव आचार्य बालकृष्णा ने इस विषय पर इकोनोमिक टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि “आईपीएल मल्टीनेशनल कंपनियों का स्पोर्ट्स है. पतंजलि उन खेलो में पैसे लगाना उचित समझती है जो भारतीय हो और यहाँ के मूलभूत खेलों को जड़ से मजबूत कर सके जैसे कुश्ती और कबड्डी और हम इन खेलों में लगातार पैसे लगाते रहेंगे.”

पतंजलि की ये है रणनीति

आशीष चड्ढा जो स्पोर्टी सोलूटीनज के चीफ है, उन्होंने उन्होंने पतंजलि के आईपीएल में विज्ञापन नहीं करने को लेकर रणनीति के बारे में बोलते हुए कहा कि “आईपीएल से दूर रहना काफी अच्छी रणनीति है. और जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि वह इससे क्यों दूर रहना चाहते है तो उन्होंने काफी बढ़िया जवाब देते हुए एक अच्छा मार्केटिंग कार्ड खेला है जो उनके उपभोक्ताओ को काफी पसंद आएगा. नहीं तो कौन सी कंपनी भारत में क्रिकेट जैसे खेल में पैसा लगाना नहीं चाहेगी जहां इस खेल को एक धर्म के रूप में देखा जाता है.”

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