शायद श्रेयस अय्यर ब्रेंडन मैकुलम के निर्णय से नाखुश: निखिल चोपड़ा
फुटबॉल में टीम या तो मैनेजर चलाते हैं या तो कोच। लेकिन क्रिकेट में कप्तान को ही सारे निर्णय लेने का हक होना चाहिए: निखिल चोपड़ा
अद्यतन - मई 11, 2022 2:19 अपराह्न
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने अभी तक अपने 12 मुकाबलों में 5 में जीत दर्ज की है और वह अंक तालिका में सातवें पायदान पर मौजूद हैं। टीम प्रबंधन ने अपने शुरुआती एकादश में अब तक 20 खिलाड़ियों को आजमाया है जो टीम में अस्थिरता को दर्शाता है। बता दें कि कोलकाता ने अपने पिछले मुकाबले में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 5 बदलाव किए थे, साथ ही ये मुकाबला 52 रनों से जीता था।
मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में KKR के कप्तान श्रेयस अय्यर ने बताया कि मुंबई के खिलाफ हुए मुकाबले से पहले टीम चयन में कोलकाता के सीईओ वेंकी मैसूर भी मौजूद थे। इसपर भारत के पूर्व क्रिकेटर निखिल चोपड़ा और वसीम जाफर ने अपनी प्रतिक्रिया सामने रखी है। चोपड़ा ने क्रिकट्रैकर के नॉट जस्ट क्रिकेट शो में कहा कि क्रिकेट में कप्तान को ही अकेले निर्णय लेने का हक होना चाहिए। फुटबॉल जैसा नहीं कि पूरी टीम कोच के कहने पर खेल रही है।
उन्होंने कहा, “पहले सौरव गांगुली और मोहम्मद अजहरुद्दीन को अपनी टीम चुनने का हक था और उन्होंने अपनी कप्तानी में कमाल का प्रदर्शन किया था। अगर कोलकाता प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं करती है तो फ्रेंचाइजी मैकुलम को उनके पद से हटाएगी या श्रेयस अय्यर को कप्तानी से? ऐसा लगता है कि अय्यर ब्रेंडन मैकुलम से खुश नहीं है।
टीम तभी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है जब कप्तान और कोच एक ही रास्ते पर चलें: वसीम जाफर
दूसरी तरफ वसीम जाफर ने कहा “चाहे अंतरराष्ट्रीय स्तर का मुकाबला हो या आईपीएल, टीम के लिए ये बेहद जरूरी है कि कप्तान और कोच दोनों एक ही राह पर चलें। अगर दोनों एक ही राह पर नहीं चलेंगे तो टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। आप चाहें तो विराट कोहली और रवि शास्त्री या महेंद्र सिंह धोनी और गैरी किर्स्टन की साझेदारी देख सकते हैं। दोनों जोड़ियों का प्रदर्शन कमाल का रहा और टीम को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
जाफर ने अपना अनुभव साझा किया जब वह पिछले साल आईपीएल में पंजाब किंग्स के कोच थे। उन्होंने कहा कि टीम चयन में टीम के मालिक और सीईओ हमेशा मौजूद रहते थे। उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता के एक मुकाबले में श्रेयस ब्रेंडन के एक निर्णय से खुश नहीं लगे जो ये दर्शाता है कि टीम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अगर फ्रेंचाइजी क्रिकेट की बात की जाए तो यह देखा गया है कि टीम के मालिक और सीईओ टीम चयन में हमेशा शामिल होते हैं।