एंड्रयू स्ट्रॉस ने आगामी एशेज सीरीज को लेकर दिया बड़ा बयान कहा, चुने हुए खिलाड़ियों को दौरे पर जाना चाहिए - क्रिकट्रैकर हिंदी

एंड्रयू स्ट्रॉस ने आगामी एशेज सीरीज को लेकर दिया बड़ा बयान कहा, चुने हुए खिलाड़ियों को दौरे पर जाना चाहिए

एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैच 8 दिसंबर से खेला जाएगा।

Andrew Strauss
Andrew Strauss. (Photo by Visionhaus/Getty Images)

एशेज सीरीज को शुरू होने में अभी काफी वक्त बचा हुआ है लेकिन उसको लेकर अभी से ही हलचल तेज हो गई है। पिछले कुछ दिनों से इस सीरीज को लेकर माहौल काफी गरम नजर आया है, इस दौरान कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ी इसको लेकर अपनी अपनी प्रतिक्रिया भी देते रहे हैं। अभी इसी लिस्ट में इंग्लैंड के एक और खिलाड़ी का नाम जुड़ चुका है।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने आगामी एशेज सीरीज को लेकर अपनी राय रखी है और उन्होंने कहा है कि जिस भी खिलाड़ी को इस सीरीज के लिए चुना जाता है उसे ऑस्ट्रेलिया जरूर जाना चाहिए। हालांकि इस बीच ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने क्वारंटीन नियमों में ढील देने से बिल्कुल इंकार कर दिया है और इसी बात को लेकर इंग्लैंड के खिलाड़ी नाराज है और इस सीरीज से अपना नाम वापस लेने की बात कर रहे हैं।

एशेज सीरीज को लेकर एंड्रयू स्ट्रॉस की राय 

इस बीच इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने डेली मेल को एक इंटरव्यू दिया है और उसमें उन्होंने आगामी एशेज सीरीज को लेकर भी खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि “मेरे हिसाब से इस साल एशेज सीरीज को कराना जरुरी है। हम अपने देश में कोविड के साथ रहना सीख रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया थोड़ी अलग जगह पर है। लेकिन एशेज बहुत सारे लोगों के लिए बहुत मायने रखता है, और उनमें से कुछ ऐसे लोग हैं जो खुद कठिन समय से गुजर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि “ऐसा करने का एक तरीका है और मुझे लगता है कि खिलाड़ियों के रहने की जगह बन जाएगी और परिवार भी वहां से बाहर निकल पायेंगे। व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि यदि आप एशेज सीरीज में चुने जाते हैं, तो आपको जाना चाहिए।”

मेरे हिसाब से दौरे को रद्द नहीं किया जाना चाहिए: स्ट्रॉस

उन्होंने आगे कहा कि “मेरी राय में, एशेज दौरे को रद्द नहीं करना चाहिए है। लेकिन मैं समझता हूं कि हर कोई चीजों को थोड़ा अलग तरह से देख रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलियाई सरकार और ईसीबी के बीच इस विषय को लेकर बात हो रही है और वे एक ऐसा तरीका खोज लेंगे जो खिलाड़ियों और उनके परिवारों दोनों के लिए काम करे।”