आर श्रीधर ने खुलासा किया कैसे एमएस धोनी की धीमी पारी ने रवि शास्त्री को आगबबूला कर दिया था
जब रवि शास्त्री ने एमएस धोनी पर टीम इंडिया की हार का गुस्सा निकाला!
अद्यतन - जनवरी 23, 2023 4:30 अपराह्न

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने हाल ही में अपनी एक किताब ‘कोचिंग बियॉन्ड: माई डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम’ लांच की। यह किताब ढेर सारे आकर्षक किस्सों और चौंकाने वाले खुलासों से भरी हुई है, जो क्रिकेट प्रशंसकों को टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम की एक झलक दिखाती है।
इस बीच, आर श्रीधर ने अपनी किताब में चौंकाने वाला खुलासा किया है कि एक बार भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री एमएस धोनी से नाराज हो गए थे, और इसका कारण उनकी धीमी पारी थी। यह घटना भारत के इंग्लैंड के 2018 के दौरे के दौरान की है, जब भारत को विराट कोहली की अगुआई में दूसरे वनडे में 86 रनों की मात झेलनी पड़ी थी। इस मैच में एमएस धोनी ने 59 गेंदों में मात्र 37 रन बनाए, जिससे पूर्व मुख्य कोच का माथा ठनक गया था।
आर श्रीधर ने खुलासा किया कैसे धोनी की धीमी पारी ने रवि शास्त्री को आगबबूला कर दिया था
इस घटना को याद करते हुए श्रीधर ने बताया कि रवि शास्त्री ने परिणाम पर ध्यान देने की बजाय धोनी के अप्रोच को टारगेट किया था। आर श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा: ‘भारत की हार के बाद रवि शास्त्री गुस्से से उबल रहे थे। वह इस बात से नाराज नहीं थे कि हम 86 रनों से मैच हारे थे, बल्कि जिस तरह से हम बिना लड़ाई लड़े हार गए थे, इसलिए वह गुस्से से आगबबूला थे। हम 323 रनों के टारगेट को चेज करने के उद्देश्य नहीं खेल रहे थे, और ना ही हमने अपना सबकुछ झोंका था।
हमने बस इंग्लैंड के आगे हार मान ली। यह देखकर हमारे मुख्य कोच ऐसे ही शांत नहीं रहने वाले थे। इस वनडे सीरीज का निर्णायक मुकाबला हेडिंग्ले में खेला जाना था, और इसके एक दिन पहले टीम मीटिंग हुई, जहां सपोर्ट स्टाफ के सभी सदस्यों सहित पूरी टीम उपस्थित थी, और मुझे पता था कि रवि बहुत वैलिड पॉइंट रखने वाले हैं। रवि ने ऊंची आवाज में कहा, ‘चाहे आप कोई भी हों, ऐसा कोई और अवसर नहीं होना चाहिए, जब हम मैच जीतने की कोशिश न करते हुए हार जाएं।
ऐसा मेरी कोचिंग में बिल्कुल भी नहीं होगा, और अगर कोई ऐसा करता है, तो मेरी कोचिंग में उसका आखिरी मैच होगा। आप मैच हार सकते हैं, इसमें कोई शर्म की बात नहीं है, लेकिन आप इस तरह नहीं हारेंगे’। इस दौरान एमएस ठीक सामने बैठे थे, और रवि की निगाहें एमएस पर टिकी हुई थीं, लेकिन वह सभी को सुना रहे थे। लेकिन मानना पड़ेगा धोनी बिल्कुल भी नहीं झिझके और उन्होंने कभी भी रवि से संपर्क नहीं तोड़ा, उनकी आंखो में देखते रहे।’