राहुल द्रविड़ ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के जोहान्सबर्ग टेस्ट की पूर्व संध्या पर अपने पहले टेस्ट शतक को याद किया। यह शतक जनवरी 1997 में इसी मैदान पर आया था, बतौर खिलाड़ी द्रविड़ के लिए यह नौंवा टेस्ट मैच था। उसी को याद करते हुए द्रविड़ ने जोहान्सबर्ग में अपने पहले टेस्ट शतक को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अब कोच के तौर पर वो मुकाबला जीतना चाहते हैं।
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उस मैच को याद करते हुए द्रविड़ ने कहा कि, उन्हें अभी भी याद है कि बारिश की वजह से भारतीय टीम वो मुकाबला जीत नहीं पाई थी और इससे वो काफी निराश भी हुए थे। उनके मुताबिक उस शतक की वजह से उन्हें अपने पूरे करियर के लिए काफी ज्यादा आत्मविश्वास मिला।
उस एक शतक से मुझे अपने करियर में काफी आत्मविश्वास मिला था- राहुल द्रविड़
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल द्रविड़ ने कहा कि, “मुझे आज भी याद है कि बारिश हो रही थी और उसी वजह से हम मैच नहीं जीत पाए थे। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के तौर पर पहला टेस्ट शतक लगाना काफी शानदार था। इससे आपको काफी आत्मविश्वास मिलता है। उस शतक से मुझे अपने पूरे करियर के लिए काफी आत्मविश्वास मिला।”
उन्होंने आगे कहा कि, “हालांकि हम इस बात से निराश थे कि चौथे और पांचवें दिन बारिश हो गई और हमारे पास मैच को जीतने के लिए ज्यादा ओवर्स नहीं बचे थे। जवागल श्रीनाथ जैसे गेंदबाज उस टीम में थे लेकिन जितनी गहराई इस वक्त टीम में है उतनी तब नहीं थी। इसके बावजूद हमारी टीम वो मुकाबला जीतने के बेहद करीब आ गई थी।”
बता दें कि उस टेस्ट मैच में राहुल द्रविड़ ने 362 गेंदों में 148 रनों की पारी खेली थी और उनकी इसी पारी के बदौलत भारत पहली पारी में 410 रन बनाने में कामयब रही थी। उन्हें मैच के बाद शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी मिला था। उस मैच में द्रविड़ के अलावा जवागल श्रीनाथ ने गेंद के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया था।