इस मुकाबले की बात करें तो शुभम शर्मा की कप्तानी वाली मध्य प्रदेश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। ऐसे में टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 81.1 ओवर में सभी विकेट खोकर 234 रन बनाए थे। यश दुबे ने 45 रनों की पारी खेली थी, जबकि हिमांशु मंत्री 49 और सारांश जैन 41 रन बनाकर आउट हुए थे। वहीं, जब आंध्रा की टीम पहली पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो 172 रन बनाकर ढेर हो गई।
इस तरह मध्य प्रदेश को 62 रनों की बढ़त मिली, लेकिन मैच में रोमांचल मोड़ आया जब मध्य प्रदेश की टीम अपनी दूसरी पारी में 107 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। 43 रन हिमांशु मंत्री ने बनाए। इस तरह आंध्रा के सामने जीत के लिए 170 रनों का लक्ष्य था, लेकिन आंध्रा की टीम दूसरी पारी में 165 रन बनाकर ऑल आउट हो गई।
एक समय पर टीम का स्कोर 161 पर 8 विकेट था, लेकिन गेंदबाज अनुभव अग्रवाल ने पहले गिरिनाथ रेड्डी को चलता किया और फिर अश्विन हेब्बर को कुलवंत खेजरोलिया ने LBW आउट किया और टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। अनुभव अग्रवाल ने दूसरी पारी में आंध्र प्रदेश की टीम के 6 विकेट निकाले और वे प्लेयर ऑफ द मैच हासिल करने में सफल हुए।
2021-22 सीजन में मध्य प्रदेश ने जीता था रणजी का खिताब
मध्य प्रदेश ने आखिरी बार 2021-22 सीजन में खिताब जीता था और हेड कोच चंद्रकांत पंडित के नेतृत्व में उनकी नजरें एक और खिताब अपने नाम करने पर होगी। टूर्नामेंट का अन्य दो क्वार्टर फाइनल विदर्भ और कर्नाटक तथा मुंबई और बड़ौदा के बीच खेला जा रहा है। सेमीफाइनल 2 मार्च से शुरू होने वाले हैं। मध्य प्रदेश का मुकाबला किस टीम से होगा यह अभी तक तय नहीं हुआ है।