पहले शास्त्री और अब धोनी को लेकर अश्विन ने किया चौंकाने वाला खुलासा
अश्विन ने बताया कि कैसे एमएस धोनी की सलाह ने उन्हें इस संघर्ष से निकलने में मदद की।
अद्यतन - दिसम्बर 22, 2021 1:02 अपराह्न
अनुभवी भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इस साल शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और इस साल गेंदबाजी के मामले में उनके रिकॉर्ड अव्वल रहे हैं। आठ मैचों में 52 विकेट के साथ, 35 वर्षीय, 2021 में टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। वहीं इस साल गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
अश्विन ने हाल के दिनों में अपने कुछ बेहतरीन क्रिकेट का आनंद लिया है, लेकिन उनके करियर में एक समय ऐसा भी था जब वह मानसिक आघात से पीड़ित थे। स्टार ऑफ स्पिनर को 2017 में वनडे और टी-20 दोनों टीमों से बाहर कर दिया था। इसके अलावा, टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कुलदीप यादव को टीम का सर्वश्रेष्ठ विदेशी स्पिनर कहा था।
टीम से बाहर होना और लगातार चोटिल रहने के कारण अश्विन उस समय मानसिक रूप से बेहद परेशान थे। परेशान होकर उन्होंने क्रिकेट को छोड़ने का मन बना लिया था। उसी फेज को याद करते हुए अश्विन ने बताया कि कैसे वह मानसिक आघात से गुजरे और कैसे एमएस धोनी की सलाह ने उन्हें संघर्ष का सामना करने में मदद की।
अश्विन को बुरे वक्त से बाहर निकालने में धोनी का रहा अहम रोल
Cricket Monthly से बातचीत करते हुए अश्विन ने कहा कि, “मुझे लगता है कि मेरी आत्म-जागरूकता बहुत अधिक है और मैं बहुत सोचता हूं। तो यह मेरे लिए और भी कठिन था। यदि आप घायल हो जाते हैं, और आप वापसी कर रहे होते हैं, तब भी यह आपके दिमाग में रहती है। लेकिन अगर आप चोटिल हो जाते हैं और उस तरह के मानसिक आघात से गुजरते हैं जिससे मुझे गुजरना पड़ा, तो यह और भी मुश्किल है।”
मानसिक आघात का सामना करते हुए, अश्विन ने एमएस धोनी द्वारा दी गई सलाह को याद किया जिससे उन्हें अपनी तनावपूर्ण दौर से उबरने में मदद मिली। अश्विन ने कहा, “मैंने अपने जीवन में कभी भी असफलता से नहीं डरा है। इसलिए मैदान पर उतरना और प्रदर्शन के मामले में असफल होना ठीक है। जैसा की एमएस धोनी हमेशा कहते है कि परिणाम पर नहीं प्रक्रिया पर ध्यान दें। मुझे लगता है कि मैंने हमेशा से प्रक्रिया पर ध्यान दिया है। मुझे लाखों या करोड़ों लोगों के सामने असफल होने का डर नहीं है।”