इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 सीजन की शुरुआत धमाकेदार तरीके से 26 मार्च को गत-विजेता चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के बीच मैच के साथ हो चुकी है। जिसमें अभी तक इस सीजन में कुल 5 मुकाबले खेले जा चुके हैं और सभी में दर्शकों को काफी सारा रोमांच देखने को मिला है। वहीं कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और महाराष्ट्र सरकार ने इस बार के मैचों के लिए स्टेडियम में 25 फीसदी दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति दी थी।
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लेकिन अब BCCI स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता को लेकर एक बड़ा फैसला लेने पर विचार कर रही है। जिसमें देश में लगातार कोरोना महामारी के कम होते खतरे को भी ध्यान में रखा जा रहा है। जहां केंद्र सरकार की तरफ से अधिकतर कोरोना प्रतिबंधों को लेकर अब छूट दी जाने लगी है। वहीं कोरोना के मामले भी लगातार पूरे देश में कम होते जा रहे हैं।
जिसमें एक जर्नलिस्ट के श्रीनिवास राव ने अपने ट्वीट के जरिए एक जानकारी सभी के साथ साझा करते हुए बताया कि जल्द ही BCCI स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता को 65 से 70 फीसदी तक बढ़ाने का आधिकारिक ऐलान कर सकती है। जिसमें इन आगामी मैचों को लेकर अभी तक टिकट बुकिंग की भी प्रक्रिया चालू नहीं की गई है।
यह खबर सभी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए काफी अच्छी कही जा सकती है, जो पिछले 2 सीजन से लगातार अपनी पसंदीदा टीम को स्टेडियम में चियर करने से चूक रहे हैं। जहां साल 2020 का पूरा IPL सीजन ही यूएई में खेला गया था, वहीं पिछले सीजन का पहला फेज भारत में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित किया गया था। जिसके बाद लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए BCCI ने दूसरे फेज का आयोजन यूएई में कराने का फैसला किया था।
BCCI will soon increase crowd capacity at stadiums for the ongoing edition of IPL. Likely to be in excess of 50%… (maybe 65 to 70%).
वहीं इस बार के IPL सीजन को लेकर BCCI ने फैसला किया था कि सभी 70 लीग मैचों का आयोजन महाराष्ट्र के 4 स्टेडियम में आयोजित किए जायेंगे। ताकि यात्रा संबंधी खतरे को कम किया जा सके।
लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम का अभी तक IPL 2022 सीजन में दिख रहा दबदबा
वहीं IPL 2022 सीजन के शुरुआती 5 मुकाबलों को लेकर बात की जाए तो उसमें से 4 मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को जीत हासिल हुई है। जबकि सभी 5 मैचों में टॉस जीतने वाली टीम ने पहले गेंदबाजी का फैसला करने में बिल्कुल भी देर नहीं लगाई है। इसके पीछे एकबार फिर से सबसे बडा कारण दूसरी पारी के दौरान पड़ने वाली ओस को बताया जा रहा है, जिसके चलते गेंदबाजों मुश्किल में साफतौर पर दिखाई देते हैं।