एशिया कप 2023 को लेकर जय शाह की बयानबाजी से चिढ़कर पीसीबी ने बीसीसीआई और एसीसी को दी धमकी

पीसीबी ने कहा एशिया कप 2023 को लेकर जय शाह किस हक से इस तरह के बयान दें रहे हैं।

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Ramiz Raja and Jay Shah (Image Source: Getty Images)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने हाल ही में साफ तौर पर कह दिया है कि भारत एशिया कप 2023 के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा, बल्कि वे न्यूट्रल वेन्यू में खेलना चाहेंगे। जिसके बाद अब खबरें आ रही है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भारत में अगले साल होने वाले आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का बहिष्कार करने तैयार है।

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दरअसल, एशिया कप 2023 को लेकर जय शाह की बयानबाजी से नाराज होकर पीसीबी ने इस मामले को आईसीसी की मीटिंग में उठाने का फैसला किया है, और साथ ही वे भारत में वनडे वर्ल्ड कप 2023 की मेजबानी को भी चुनौती देंगे, अगर भारत अगले साल पाकिस्तान की यात्रा नहीं करता है।

आपको बता दें, भारतीय क्रिकेट टीम दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण साल 2008 से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है, और अब बीसीसीआई के सचिव के बयान ने क्रिकेट मैचों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को और बढ़ा दिया है। इस बीच, पीसीबी के एक सूत्र ने खुलासा किया है कि वे अगले महीने मेलबर्न में होने वाली आईसीसी बोर्ड की अगली बैठक में जय शाह के बयान का विरोध करेंगे।

पीसीबी ने बीसीसीआई के खिलाफ किया जंग ऐलान

पीसीबी के एक वरिष्ठ सूत्र ने न्यूज 18 के हवाले से कहा: “पीसीबी अब कड़े फैसले लेने और बीसीसीआई को कड़ी चुनौती देने के लिए तैयार है, क्योंकि बोर्ड को यह भी पता है कि अगर पाकिस्तान इन बहु-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के साथ नहीं खेलता है, तो आईसीसी और एसीसी इवेंट्स को माली नुकसान का सामना करना पड़ेगा। हमें फिलहाल कुछ नहीं कहना है, लेकिन हां हम चीजों को देखेंगे और अगले महीने मेलबर्न में आईसीसी बोर्ड की बैठक जैसे उपयुक्त मंचों पर इस मामले को उठाएंगे।

पीसीबी के अधिकारी जय शाह के अभी से इस तरह की बयानबाजी से हैरान हैं, क्योंकि पाकिस्तान में एशिया कप 2023 (सितंबर 2023) के आयोजन में अभी भी लगभग एक साल बाकी है। पीसीबी को ये समझ नहीं आ रहा है कि जय शाह ने किस क्षमता में यह बयान दिया है कि एसीसी एशिया कप को पाकिस्तान से बाहर यूएई में स्थानांतरित करना चाहेगी, क्योंकि मेजबानी के अधिकार एसीसी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा दिए गए थे, न कि अध्यक्ष, द्वारा जो वो इस समय है।

अब हमारे पास केवल एक विकल्प है कि हम एसीसी से बाहर हो जाए, क्योंकि पीसीबी का मानना ​​है कि एसीसी का गठन एशियाई क्षेत्र में क्रिकेट को बढ़ावा देने और विकसित करने और सदस्य देशों के बीच एकता बनाने के लिए किया गया था। लेकिन एसीसी के अध्यक्ष इस तरह के बयान दें रहे हैं, इसलिए पाकिस्तान का एसीसी का हिस्सा बने रहने का कोई फायदा नहीं है।”

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