15 साल बाद इंग्लैंड की सरजमीं पर में खेली जाएगी भारत-पाक टेस्ट सीरीज! - क्रिकट्रैकर हिंदी

15 साल बाद इंग्लैंड की सरजमीं पर में खेली जाएगी भारत-पाक टेस्ट सीरीज!

भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले 15 साल से कोई टेस्ट मैच नहीं खेला गया है।

Richard Thompson. (Photo Source: England and Wales Cricket Board/Twitter)
Richard Thompson. (Photo Source: England and Wales Cricket Board/Twitter)

मंगलवार (27 सितंबर) के शाम को एक बड़ी खबर सामने आई। दरअसल इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय श्रृंखला की मेजबानी करने का प्रस्ताव दिया है। Telegraph.co.uk के एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष मार्टिन डार्लो ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के साथ बात की है। आपको बता दें कि, इंग्लैंड की टीम इस वक्त 7 मैचों की T20I सीरीज के लिए इंग्लैंड दौरे पर है।

जहां इंग्लैंड और पाकिस्तान पाकिस्तान में एक मनोरंजक T20I सीरीज में व्यस्त हैं, वहीं ECB कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच एक ब्लॉकबस्टर द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज की मेजबानी करने की योजना बना रहा है। माना जा रहा है कि बोर्ड ने पीसीबी को इसके लिए कई स्थानों की पेशकश की है।

आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान की टीमें सिर्फ ICC टूर्नामेंट में आमने-सामने होती हैं। जब भी दोनों टीमों की भिड़ंत होती है, तो लाखों फैंस उस मैच को देखने के लिए मैदान पर पहुंचते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच 2011 विश्व कप सेमीफाइनल मुकाबले को 495 मिलियन लोगों ने टीवी पर देखा था।

चूंकि दोनों क्रिकेट बोर्ड एक न्यूट्रल वेन्यू पर मैच खेलने के लिए तैयार हो सकते हैं, यह प्रस्ताव इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है। भारत और पाकिस्तान ने 2007 के बाद से कोई एक-दूसरे के खिलाफ कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है।

पाकिस्तान बोर्ड भारत के साथ न्यूट्रल वेन्यू पर खेलने के लिए उत्सुक नहीं है

हालांकि ईसीबी के ऑफर के बावजूद, पाकिस्तान न्यूट्रल वेन्यू पर खेलने के लिए उत्सुक नहीं है क्योंकि हाल ही में लगभग 10 साल बाद उन्होंने फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी शुरू की है। अगर वो इंग्लैंड में क्रिकेट खेलते हैं तो इससे वो फिर से मेजबानी का अधिकार खो सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीसीसीआई और पीसीबी के एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन इसके लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच राजनीतिक मिजाज में बड़े बदलाव की जरूरत होगी।

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