जब ड्रेसिंग रूम में लैपटॉप देख सचिन तेंदुलकर हो गए थे हैरान

साल 2002 का एक किस्सा मास्टर ब्लास्टर ने साझा किया है।

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Sachin Tendulkar. (Photo Source: Twitter)

टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने लंबे करियर में क्रिकेट में कई बदलाव देखे हैं, वो बदलाव फिर खेल से जुड़े हो या फिर खेल में तकनीक के इस्तेमाल से जुड़े हो। समय-समय पर सचिन तेंदुलकर ऐसे ही कुछ किस्से-कहानियां साझा करते रहते हैं, हाल ही में उन्होंने लैपटॉप से जुड़ी कहनी बताई है।

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सचिन तेंदुलकर क्यों लैपटॉप देख हुए थे हैरान?

साल 2000 के बाद से क्रिकेट और तकनीक का रिश्ता गहरा होता जा रहा है, आज के समय पर खिलाड़ियों को अपनी गलतियां सुधारने में तकनीक काफी मदद करती है। लेकिन जब क्रिकेट के साथ इस तकनीक की शुरूआत हुई थी, जब सचिन हैरान हो गए थे।

*एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सचिन तेंदुलकर ने साझा किया एक किस्सा।
*साल 2002 के दौरान टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम का था वो किस्सा।
*जब पहली बार ड्रेसिंग रूम में आया था लैपटॉप।
*लैपटॉप देख सचिन तेंदुलकर ने कहा था- इसका का करेंगे ड्रेसिंग रूम में।

सचिन तेंदुलकर के मुताबिक तकनीक के इस्तेमाल से बदला क्रिकेट

इस समय के क्रिकेट में तकनीक सबसे अहम भूमिका निभा रहा है, नेट्स हो या फिर मैदान दोनों पर ही कोच खिलाड़ियों को उनकी गलतियां तुरंत वीडियो के जरिए बता देते हैं। गेंदबाज के हाथ का एंगल हो या फिर खिलाड़ी के दौड़ने का समय, सब कुछ तकनीत के जरिए सेंकेड़ों में पता लग जाता है।

*तकनीक से होता है टीम को काफी फायदा- सचिन तेंदुलकर।
*सचिन तेंदुलकर के मुताबिक क्रिकेट में हाइटेक तकनीक को अपनाने में खिलाड़ियों को लगा था समय।
*कुछ खिलाड़ी मुताबिक क्रिकेट में हाइटेक तकनीक का हो रहा है ज्यादा इस्तेमाल- सचिन।
*मैं खुद भी करता था तकनीक कम इस्तेमाल- सचिन।

ऐसे आया क्रिकेट में बदलाव

क्रिकेट पंड़ित आज के समय के खेल को- मॉर्डन डे क्रिकेट बोलते हैं, जिसके पीछे कई कारण है। सबसे बड़ा कारण तकनीक का है,जो हर दिन के साथ खेल और खिलाड़ियों में बदलाव ला रहा है। साथ ही इससे सामने वाले खिलाड़ी की कमजोरी या मजबूती को आराम से पकड़ा जा सकता है।

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