संजय मांजरेकर को राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली को देखकर क्यों लगा कि उनका समय पूरा हो चुका है
अद्यतन - जनवरी 25, 2018 2:55 अपराह्न

भारतीय क्रिकेट में अभी तक के इतिहास की बात की जाएँ तो अभी तक काफी सारे ऐसे बल्लेबाज क्रिकेट जगत में अपने नाम का सिक्का चला चुके है जो भारतीय थे और इसमें यदि बड़े नामों की बात की जाए तो अजित वाडेकर से लेकर सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वर्तमान में विराट कोहली लेकिन कई ऐसे नाम भी रहे जिनमे प्रतिभा तो काफी थी लेकिन वे इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखाने में कामयाब नहीं हो सके जिसमे एक नाम संजय मांजरेकर का था जो एक पूर्ण बल्लेबाज कहा जा सकता था.
एक ड्रीम स्टार्ट मिला था करियर को
संजय मांजरेकर जिन्हें अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हुए लगभग 21 साल बीत चुके है और अब वे एक क्रिकेट एक्सपर्ट की भूमिका में सभी को अधिक दिखाई देते है उन्होंने हाल में ही अपनी एक बुक को लांच किया जिसका नाम इम्परफैक्ट है उसमे उन्होंने अपने क्रिकेट करियर से लेकर कमेंट्री में बातों को उल्लेख इस बुक में किया है जिसके बाद कुछ ऐसी बातें भी निकलकर सामने आयीं है जिस करा इस बल्लेबाज का करियर इतनी जल्दी क्यों खत्म हो गया.
द्रविड़ और गांगुली को देखने के बाद आया विचार
संजय मांजरेकर ने अपनी इस किताब में इस बात का खुलासा किया कि जब उन्होंने 1996 में इंग्लैंड के दौरे पर सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को बल्लेबाजी करते हुए देखा था तो उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि अब उनकी भारतीय में जगह काफी मुश्किल है. मांजरेकर ने अपनी इस किताब में इस बात को लिखा कि उन्हें द्रविड़ का सफल होना पता थे लेकिन गांगुली ने उन्हें चौका दिया.
सौरव पर ये लिखा मांजरेकर ने
संजय मांजरेकर की किताब में उन्होंने सौराव गांगुली के जो लिखा वह यह था कि “सौरव भारतीय टीम के लिए उस दौरे की टीम में नहीं थे लेकिन उन्हें बाद में उनकी प्रतिभा के कारण शामिल कर लिया गया था और जिस तरह उन्होंने वहां के हालात में जिस तरह से बल्लेबाजी की उसके बाद हम सभी को इस बात का एहसास हुआ था कि उनके लिए ये सीरीज काफी अच्छी जाने वाली है और द्रविड़ को देखकर ऐसा लगा कि वे भारतीय टीम में खेलने के लिए ही बने है और दोनों ने जिस तरह से बल्लेबाजी की उसके बाद मुझे लग गया था कि अब मेरा समय पूरा हो चुका है.”