संजय मांजरेकर ने किया खुलासा, कौन थे उनकी डर की वजह - क्रिकट्रैकर हिंदी

संजय मांजरेकर ने किया खुलासा, कौन थे उनकी डर की वजह

Sanjay Manjrekar
Sanjay Manjrekar. (Photo Source: Twitter)

भारतीय क्रिकेट का एक बड़ा नाम जो अब तक क्रिकेट से जुड़ा है. वो है पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर जिन्होंने अपने ऊपर लिखी पुस्तक ‘इम्परफेक्ट’ के लॉन्चिंग कार्यक्रम में अपने निजी जीवन के कुछ बातें शेयर की. जहां संजय मांजरेकर अपने पिता पूर्व क्रिकेटर विजय मांजरेकर से डर की बात को शेयर किया. वहीं उन्होंने बताया कि मेरे पिता जब भी मेरे पास होते थे तो उस समय मैं बहुत घबरा सा जाता था. और मेरे अंदर एक डर का एहसास होता था. जो उस समय के पिता पुत्र के रिश्ते में कॉमन होती थी. जो कि मेरे और मेरे पिता के बीच में भी थी हालांकि मेरे क्रिकेट करियर में सफलता को लेकर जो भी मैंने किया है उसका पूरा श्रेय मेरे पिता को जाता है.

मांजरेकर ने यह भी बताया कि मैं अपनी आत्मकथा में इन बातों को शामिल करने के पक्ष में नहीं था. फिर जाकर मैंने इस पुस्तक में उन सब बातों को जगह दी जिनका मेरे जीवन पर प्रभाव रहा है. मांजरेकर ने अपने साथी खिलाड़ियों पर कहा कि मेरे और सचिन तेंदुलकर के बीच रिश्ते अच्छे हैं. साथ ही दिलीप बेंगसकर, अजित आगरकर और राजू कुलकर्णी जैसे साथी खिलाड़ियों के बीच उन्होंने कहा कि खेल में साथ में खेलते खिलाड़ियों के साथ कभी कभी मैदान पर आपस में कुछ कहा सुनी हो जाती थी. उसके बावजूद भी वापस मैदान के बाहर हमारे रिश्ते बहुत अच्छे रहते थे.

साथ ही मांजरेकर से पूछे गए सवाल कि वह किस कप्तान से सबसे अधिक प्रभावित रहे पर उन्होंने बताया कि ‘इमरान खान की कप्तानी उन्हें काफी पसंद आती थी मैं इमरान खान के खेल का बिग फैन हूं अगर होता तो मैं उनकी कप्तानी में खेलना पसंद करता भारतीय क्रिकेट में मुझे महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी पसंद है साथ में तत्काल रेगुलर कप्तान विराट कोहली के कप्तानी में भी खेलना पसंद करूंगा’ जहां उन्होंने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एथरटन और नासिर हुसैन को कॉमेंट्री के क्षेत्र में काफी पसंद करता हूं.

संजय मांजरेकर का क्रिकेट कैरियर की बात करें तो उन्होंने कुल 37 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 2043 रन बनाए हैं. जहां उनका पाकिस्तान के खिलाफ  बनाए गए हाई स्कोर 218 रन रहा जहां इनके नाम 4 शतक भी हैं. वही उन्होंने बताया कि टीम में द्रविड़ और गांगुली के आने के बाद कंपटीशन काफी बढ़ गया था मिडिल ऑर्डर में इस तरह के कंपटीशन में जद्दोजहद करने के बजाए हमने संन्यास लेने का फैसला किया था.

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