पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद नहीं चाहते कि उनका बेटा अब्दुल्ला उनके नक्शेकदम पर चले और क्रिकेटर बने। 34 वर्षीय सरफराज ने खुलासा करते हुए बताया कि उनका बेटा खेल के प्रति जुनूनी है, लेकिन वह व्यक्तिगत रूप से उसे खेल से दूर रखना चाहता है। सरफराज अहमद पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं।
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उनके नेतृत्व में, पाकिस्तान 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में कामयाब रही थी। विकेटकीपर-बल्लेबाज का पाकिस्तान के कप्तान के रूप में T20I में शानदार रिकॉर्ड है। इस बीच उन्होंने यह बताया कि, वह नहीं चाहते हैं कि उनका बेटा क्रिकेट को एक पेशे के रूप में अपनाए, क्योंकि इस खेल में काफी ज्यादा मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
अपने बेटे को क्रिकेटर बनते हुए नहीं देखना चाहते हैं सरफराज खान
क्रिकेट पाकिस्तान के एक इंटरव्यू में सरफराज खान ने कहा कि, “अब्दुल्ला को क्रिकेट खेलने का शौक है। लेकिन, मैं नहीं चाहता कि वह क्रिकेटर बने। दरअसल, एक क्रिकेटर होने के नाते मुझे कई ऐसी चीजें झेलनी पड़ीं, जो मैं नहीं चाहता कि अब्दुल्लाह को उसका सामना करना पड़े। यह मानव स्वभाव है। एक क्रिकेटर होने के नाते मैं चाहता हूं कि मेरे भाई या बेटे का चयन तुरंत हो जाए। वरना दर्द होता है।”
विकेटकीपर-बल्लेबाज चाहते हैं कि उनका बेटा अपनी मेहनत से खुद का नाम बनाए। उन्होंने बताया कि मोइन खान और सानिया मिर्जा जैसे लोगों ने उन्हें अब्दुल्ला को क्रिकेट खेलने देने के लिए कहा है, लेकिन वह चाहते हैं कि उनका बच्चा कठिन रास्ता अपनाए और जीवन में सफल हो।
सरफराज ने कहा कि, “बहुत सारे लोगों ने मुझसे कहा कि अब्दुल्ला प्रतिभाशाली हैं और मुझे उन्हें क्रिकेट खेलने देना चाहिए। मोइन भाई ने अब्दुल्ला के कौशल की प्रशंसा की थी, सानिया मिर्जा ने भी एक बार मुझसे कहा था कि अब्दुल्ला में क्रिकेटर बनने की क्षमता है। लेकिन, मैं चाहता हूं कि वह कड़ी मेहनत करके अपने लक्ष्य हासिल करें। कोई उसे आसान रास्ता न दे।”