सरफराज खान ने भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के लिए सूर्यकुमार यादव के चयन पर तोड़ी चुप्पी
सरफराज खान ने सूर्यकुमार यादव से काफी कुछ सीखना चाहते हैं।
अद्यतन - जनवरी 23, 2023 5:23 अपराह्न

मुंबई के फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज सरफराज खान ने आखिरकार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 9 फरवरी से नागपुर में शुरू होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले दो टेस्ट के लिए उनकी जगह सूर्यकुमार यादव को चुने जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है।
आपको बता दें, दाएं-हाथ का यह बल्लेबाज पिछले तीन सीजन से प्रथम श्रेणी-क्रिकेट में असाधारण प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय चयनकर्ता उसे लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, टीम इंडिया के लिए अपने हालिया प्रदर्शन के दम पर सूर्यकुमार को सरफराज से आगे टेस्ट टीम में चुना गया, जिस पर कई दिग्गजों और फैंस ने सवाल उठाए।
अब मुंबई टीम के अपनी साथी के चयन पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए युवा बल्लेबाज ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए चयनित नहीं होने के बाद वह टूट गए थे, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि T20I क्रिकेट और रणजी ट्रॉफी के उनके अनुभव ने उनके चयन में भूमिका निभाई।
दोस्त सूर्या के टेस्ट टीम में चयन से खुश हैं सरफराज खान
हिंदुस्तान टाइम्स और टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरफराज खान ने रिपोर्टर विमल कुमार को बताया: ‘जाहिर है, सूर्या मेरा काफी अच्छा दोस्त है। जब भी हम मुंबई के लिए साथ में खेल रहे होते हैं, तो हम एक-साथ काफी टाइम स्पेंड करते हैं, और काफी सारी चीजें मुझे उससे सिखने मिलती हैं। वो इस समय काफी अच्छा कर रहा है। उसको भी काफी इंतजार करना पड़ा, पर अभी जिस हिसाब से वो खेल रहा है, वो पूरा अनुभव लेकर गया है, इसलिए उसके लिए चीजें आसान हो गई है। तो जाहिर तौर पर टेस्ट टीम में उनका चयन प्रेरणादायक है।’
सरफराज ने जोर देकर कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम में चयनित नहीं होने के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं और उनका ध्यान खेल के तीनों प्रारूपों में रन बनाने पर है, जो खुद ही उनके चयन का रास्ता खोलेगा। मुंबई के बल्लेबाज ने अंत में कहा: ‘मेरा हर सीजन के टाइम पर यही माइंडसेट रहता है कि मैं जो भी मैच खेल रहा हूं, मैं उसमें रन बनाऊं, चाहे वो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी हो, चाहे विजय हजारे ट्रॉफी, या फिर रणजी ट्रॉफी, मैं सभी में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। फिलहाल जो मेरे हाथ में है, मैं उसी पर फोकस कर रहा हूं, जो चीज मेरे हाथ में नहीं है, मैं उसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहता हूं।’