सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में भारत के लिए डेब्यू किया था। डेब्यू मैच की दोनों ही पारियों में सरफराज खान ने अर्धशतकीय पारियां खेली थी। सरफराज ने डेब्यू टेस्ट सीरीज में 50 के औसत से 200 रन बनाए हैं। डेब्यू कैप पाने के लिए सरफराज खान ने लंबे समय तक इंतजार किया है और कड़ी मेहनत की है।
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सरफराज खान (Sarfaraz Khan) आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, इन सबके पीछे उनके पिता का बड़ा हाथ है। सरफराज खान ने हाल ही में एक कविता सुनाई जो उनके पिता अक्सर उन्हें प्रेरित करने के लिए सुनाया करते थे।
Sarfaraz Khan ने सुनाई पिता की खास कविता
India Today Conclave 2024 के दौरान बात करते हुए सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने बताया कि वो अपने पिता से पूछा करते थे कि, ‘मुझे भारत के लिए खेलने का मौका कब मिलेगा और क्या लोग हमारा समर्थन करेंगे। वह मुझे बस ही एक बात बोलते थे, वो भी कविता के रूप में…’
सरफराज खान ने अपने पिता की कविता सुनाते हुए कहा, ‘
कभी गिरते तो कभी गिर के संभलते रहते, बैठे रहने से अच्छा था कि चलते रहते, और चलके हम गैर के कदमों से कहीं के ना रहे, खुद के पैरों से चलते तो चलते रहते।’
यहां देखें सरफराज खान का वो वीडियो-
Sarfaraz Khan thanks Sunil Gavaskar and India Today, here's why
सरफराज खान ने पिता द्वारा दी गई सलाह के बारे में भी खुलासा किया। सरफराज के पिता ने उनके कहा था कि हर घरेलू मैच को ऐसा समझो कि तुम इंडिया के लिए खेल रहे हो और बस रन बनाओ। सरफराज खान ने कहा, ‘अगर मैं भारत के लिए खेलता हूं तो मुझे रन बनाने होंगे और ऐसा सोचना होगा जैसे कि आप अपने अगले घरेलू मैच में भारत के लिए खेल रहे हैं और वहां भी रन बनाना होगा। इसलिए मेरा केवल एक ही काम था, वह यह कि मैं जहां भी खेलूं रन बनाऊं।’