क्या बीसीसीआई को जसप्रीत बुमराह को IPL से दूर रखना चाहिए ताकि वह लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकें

बुमराह अब तक घरेलू सरजमीं पर केवल 2 टेस्ट खेल पाए हैं।

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Jasprit Bumrah. (Photo by AAMIR QURESHI/AFP via Getty Images)

भारतीय क्रिकेट टीम को मौजूदा समय में देखा जाए तो वर्ल्ड क्रिकेट का सबसे घातक तेज गेंदबाजी आक्रमण उनके पास है। इसमें प्रमुख तौर पर जसप्रीत बुमराह का नाम लिया जाता है, जो पिछले कुछ सालों से तीनों ही फॉर्मेट में खेलते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, इससे उनकी फिटनेस और वर्कलोड को लेकर भी एक डर का माहौल हमेशा देखने को मिलता है।

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दरअसल, बुमराह की गिनती इस समय वर्ल्ड क्रिकेट के प्रमुख तेज गेंदबाजों में की जाती है, जिनका सामना करना बिल्कुल भी आसान काम किसी भी पिच पर नहीं होता है। बुमराह को लेकर बात की जाए तो टी-20 फॉर्मेट से अपने करियर की शुरुआत के बाद से अब वह टीम इंडिया के प्रमुख टेस्ट गेंदबाज बन चुके हैं। अभी तक जसप्रीत ने घरेलू जमीन पर सिर्फ 2 ही टेस्ट मैच अपने करियर में खेले हैं जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि विदेशी टेस्ट मैचों में उनकी क्या उपयोगिता है।

पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम ने टेस्ट फॉर्मेट में विदेशी जमीन पर काफी शानदार प्रदर्शन किया है। इसमें बुमराह की तेज गेंदबाजी ने अहम भूमिका अदा की है, ऐसे में यदि वह किसी सीरीज से पहले चोटिल या फिर अनफिट होते हैं, तो यह टीम के लिए काफी बड़ा झटका माना जाता है, जिसका उदाहरण साल 2018 में भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे पर देखने को मिला था।

क्या IPL से जसप्रीत बुमराह को बचाना चाहिए

वर्ल्ड क्रिकेट को जसप्रीत बुमराह की पहली झलक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में ही देखने को मिली थी। उनके एक्शन को देखने के बाद सभी ने जहां हैरानी व्यक्त की थी, तो यह भी अंदेशा जताया था कि वह अधिकतर समय अनफिट भी रह सकते हैं। साल 2016 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद से बुमराह ने उस समय से लेकर अभी तक प्रत्येक IPL सीजन में कम से कम 14 मैच जरूर खेले हैं।

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में पूरे साल वह टीम के लिए अपनी गेंदबाजी के जरिए लगातार अहम भूमिका निभाते हुए नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में अब यह सवाल भी खड़ा होना शुरू हो गया है कि बुमराह जैसे गेंदबाज को बचाने के लिए क्या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को उन्हें IPL से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए।

ऐसा इसलिए क्योंकि टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के दौरान यह साफतौर पर देखने को मिला था कि भारतीय खिलाड़ी मेगा इवेंट के दौरान IPL की वजह से काफी ज्यादा थकान में हैं। वहीं, कोरोना महामारी के बाद से लगातार बायो-बबल में भी रहना खिलाड़ियों के लिए मानसिक तौर पर मजबूती दिखाना भी आसान काम नहीं है। ऐसी स्थिति में यदि बुमराह जैसे खिलाड़ी को 2 महीने का आराम मिलता है तो इससे भारतीय टीम को सबसे ज्यादा लाभ मिलने वाला है।

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