पुलवामा हमले पर विवादित बयान देकर फंसे सिद्धू ने दी अब इस तरह से सफाई
अद्यतन - फरवरी 17, 2019 3:00 अपराह्न
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सिद्धू ने पहले अपने बयान में यह कहा था
उन्होंने आतंकवादी घटना की निंदा करते हुए उसे कायराना हरकत करार देते हुए कहा था कि लोगों को चाहिये कि पूरे पाकिस्तान को इस घटना के लिए न कोसें और नही उसे बदनाम किया जाए। उनका कहना था कि चंद लोगों ने अपने निजी फैसले लेकर भारत में घृणित व अमानवीय घटना को अंजाम दिया है। इसके लिए पूरे पाकिस्तान को किस तरह से बदनाम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि हिंसा जैसा घृृणित कार्य करने वालों को दंडित किया जाए लेकिन पूरे पाकिस्तान को न लपेटा जाए।
सोशल मीडिया पर लोगों ने किया जमकर प्रहार
उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर कोसा गया। उन्हें पाकिस्तानी समर्थक करार देने के साथ ही पाकिस्तान चले जाने की भी सलाह दी गई। इन लोगों का कहना था कि जब इस घटना को लेकर पूरे देश में गम और गुस्सा है तो ऐसी स्थिति में सिद्धू पाकिस्तान की तरफदारी कर रहे हैं। यदि उन्हें इतना हीं पाकिस्तान से प्रेम है तो वहीं क्यों नहीं चले जाते।
दो बार पाकिस्तान जा चुके हैं सिद्धू
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू अपने इस विवादित बयान से पहले पाकिस्तान की दो बार यात्रा कर चुके हैं। इसके लिए भी उनकी जमकर आलोचना हो चुकी है। सिद्धू पहली बार तब पाकिस्तान गये थे जब पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंंत्री पद की शपथ लेने जा रहे थे। दूसरी बार हाल ही में करतारपुर कॉरीडोर का उद्घाटन किया गया था।
अब अपने बयान में ये दी सफाई
पाकिस्तान के आतंकवादी हरकतों से क्लीन चिट देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पहले के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका कमेंट आधा-अधूरा प्रकाशित-प्रसारित किया गया था। उन्होंने कहा कि हम इस आतंकवाद की समस्या का स्थायी समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से कश्मीर में भारतीय जवान इसी तरह से शहीद हो रहे हैं। वह एनडीटीवी से बात कर रहे थे।
आतंकवादी समस्या को स्थायी समाधान चाहिये
उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि हमें आतंकवाद की समस्या का स्थायी समाधान चाहिये। हर समय हमारे सैनिक क्यों इस समस्या के शिकार होते रहें। इस तरह के हमले पिछले 70 वर्षों से होते आ रहे हैं। इसके साथ उन्होंने फिर कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कोई राष्ट्र नहीं होता है इसे पूर्ण तया समाप्त होना चाहिये।
कश्मीर में सीआरपीएफ के जवानों की सुरक्षा पर चिंता जताई
इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह आतंकवादियों की कायराना हरकत के खिलाफ हैं और उस कृत्य की निंदा करते हैं जिसमें हमारे देशके 40 जवान शहीद हुए हैं।
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