सौरव गांगुली ने 'चैपल' विवाद पर तोड़ी चुप्पी, कह दी ये बड़ी बात! - क्रिकट्रैकर हिंदी

सौरव गांगुली ने ‘चैपल’ विवाद पर तोड़ी चुप्पी, कह दी ये बड़ी बात!

Sourav Ganguly
Sourav Ganguly. (Photo Source: Twitter)

 

सौरव गांगुली और पूर्व कोच ग्रेग चैपल के बीच विवाद 12 साल हो चुके है। लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान के दिल से अब ये बात गई नहीं है। ग्रेग चैपल युग में चयन विवाद के बारे में गांगुली ने क्रिकेट इतिहासकार बोरिया मजूमदार द्वारा लिखी ‘‘इलेवन गोड्स एंड ए बिलियन इंडियंस’’ किताब में खुलकर बात की है। इस किताब में भारत और विदेश में क्रिकेट के अंदर और इसके बाहर के बारे में लिखा गया है।

बता दें कि पांच सौ पेज की इस किताब का विमोचन इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान किया जाएगा। गांगुली ने सितंबर 2005 में बुलावायो में जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले टेस्ट से पहले हुई घटनाओं को याद करते हुए कहा, ‘‘एक दिन शाम में ग्रेग मेरे पास आए और मुझे एक टीम दिखाई जिसे उन्होंने टेस्ट मैच के लिए चुना था। उनकी अंतिम एकादश में टॉप प्लेयर नहीं थे और मैं थोड़ा हैरान हो गया कि वह क्या करना चाह रहे थे।’’

चैपल ने जुलाई 2005 में मुख्य कोच के तौर पर पदभार संभाल लिया था, गांगुली पर धीमी ओवर गति के लिये मार्च 2005 में छह मैच का प्रतिबंध लगा हुआ था और राहुल द्रविड़ अंतरिम कप्तान थे। इसके बाद सितंबर 2005 में जिम्बाब्वे दौरे पर गांगुली को फिर से टीम की कप्तानी सौंपी गयी थी। गांगुली ने कहा, ‘दौरे के शुरू से कुछ चीज सही नहीं थी। मैं नहीं जानता कि क्या हुआ था, लेकिन निश्चित रूप से किसी चीज की कमी थी।’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कुछ लोग जो ग्रेग के करीबी बन गए थे, उन्होंने उन्हें बताया कि अगर मैं साथ में रहूंगा तो वह भारतीय क्रिकेट में कभी भी अपनी जगह नहीं बना सकते और इसी से ही सारी प्रतिक्रिया शुरू हुई होगी। ’’

3 महीने की कोचिंग में पूरी टीम बदलने को तैयार थे चैपल

गांगुली ने कहा, ‘‘लेकिन जो कुछ भी हो, वह जिम्बाब्वे में वो चैपल नहीं थे जिन्होंने दिसंबर 2003 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए मुझे तैयार होने में मदद की थी।’’ गांगुली ने स्वीकार किया कि उन्होंने चैपल के सुझाव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनके सुझाव को खारिज कर दिया और उन्हें स्पष्ट बता दिया कि वह जिन लोगों को निकालना चाहते हैं, उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए काफी बेहतर प्रदर्शन किया है जबकि उन्हें आए हुए केवल 3 ही महीने हुए हैं। उन्हें हालात को पूरी तरह से समझने के लिए कुछ समय बिताने की जरूरत है, जिसके बाद ही वे सख्त फैसले लें। लेकिन वह ‘ग्रेग चैपल’ टीम बनाने के लिए काफी आतुर थे।’’

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